Hello Comic Nerds
थ्रिल हॉरर सस्पेंस। यह तीनों शब्द अलग-अलग मायने रखते हुए भी तकरीबन एक ही है। फिर भी कभी-कभी कुछ कहानियां ऐसी होती है जो इन 3 शब्दों में से किसी एक शब्द की परिभाषा में ज्यादा बेहतरीन ढंग से बयान की जा सकती है।
इन्हीं तीन शब्दों को लेकर तीन अलग-अलग कहानियां एक कॉमिक्स में प्रस्तुत करने का प्रयास राज कॉमिक्स ने जिंदा मर जा (Zinda Mar Ja) नामक कामिक्स में किया।
तो आइए इस dissection के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं कि क्या वाकई में इस कॉमिक्स में किया गया प्रयोग सफल था अथवा नहीं।
Credits
- Writer – Meenu Wahi
- Art direction – Pratap Mullick
- Art – Chandu/Milind
- Coloring – Sanjay
- Calligraphy – Ankush
- Editor – Manish Gupta
इस कॉमिक्स का आर्ट वर्क प्रताप मुलिक जी के कला निर्देशन में चंदू और मिलिंद जी ने किया था। कॉमिक्स का आर्ट वर्क चिर परिचित मुलिक साहब की शैली में है और थ्रिल हॉरर सस्पेंस की थीम पर खूब फबता है।
Art
अब जब आर्ट वर्क की बात हो ही चुकी है तो बात कर लेते हैं इस कॉमिक्स की तीनों कहानियों की। कॉमिक्स के शुरू में ही एक बहुत बड़ा एलान पढ़ने को मिलता है कि यह कॉमिक्स 11000 वोल्ट का करंट है और यह तीनों कहानियां मस्तिष्क झनझना सकती है।
Stories
पहला झटका : Thrill
कहानी का शीर्षक: जिंदा मर जा
कहानी एक वैक्स म्यूजियम से शुरू होती है जहां लोगों की नजरों के सामने एक मोम के पुतले को पुराने यातना देने वाले एक यंत्र पर खींच कर दो टुकड़ों में तोड़ आ जाता है लेकिन झटका तब लगता है जब वह मोम का पुतला एक असली इंसान निकलता है। इस सनसनीखेज हत्या के केस को सुलझाने इंस्पेक्टर घुंडी आता है।
यह कहानी काफी चुस्त है और वाकई में आखिरी पन्ने तक सस्पेंस बना रहता है।
इस कहानी में सस्पेंस ज्यादा है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा की पहली कहानी को लेखक ने गलत परिभाषित किया है।
दूसरा झटका : horror
कहानी का शीर्षक : दिनदहाड़े हत्या
विक्टर को अदालत अपनी सौतेली मां के क़त्ल का दोषी मानते हुए 14 वर्ष की कैद की सजा सुनाती है। जबकि उसकी सौतेली मां का कत्ल उसके सौतेले भाई जॉन और उसकी पत्नी क्रिस्टी ने किया होता है। विक्टर को सजा दिलवाने में इंस्पेक्टर घाटगे का भी अहम योगदान होता है। लेकिन जब 14 वर्ष बाद विक्टर जेल से रिहा होने वाला होता है तब इस षड्यंत्र के तीनों सूत्रधार उसे हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का फैसला करते हैं। लेकिन उनका यह फैसला उन पर कैसे भारी पड़ता है यह कहानी उसी थ्रिल को बयां करती है।
यह कहानी उतनी रोमांचक नहीं है क्योंकि अंत का अनुमान सबको पहले ही लग जाता है।
एक बार फिर लेखक ने इस कहानी को गलत परिभाषित किया है क्योंकि इस कहानी में हॉरर नाम मात्र का है और मुख्यता यह कहानी थ्रिल की श्रेणी में आती है।
तीसरा झटका : suspense
कहानी का शीर्षक : जिंदा मुर्दे
यह पूरी तरह से हॉरर कहानी है। एक नौका पर सवार कुछ लोग एक ऐसे द्वीप पर उतरते हैं जो 100 साल पहले समुद्र में डूब गया था। उस द्वीप पर मुर्दे जाग उठते हैं और एक एक करके उस नाव के सारे सवारों को अपने साथ जमीन के अंदर घसीट ले जाते हैं।
यह परले दर्जे की औसत कहानी है जिसमें कुछ भी नयापन नहीं है। 10 पन्नों में इस कहानी में हॉरर भी बहुत अच्छे से विकसित नहीं हो पाया है। नतीजन यह कहानी इस कॉमिक्स को ना पढ़ने योग्य बनाती है।
Average story score
Final Verdict
कुल मिलाकर इस नवीन प्रयोग में केवल पहली कहानी ही मनोरंजन के स्तर पर खरी उतरती है। हर कहानी गलत category मे डाली गई है। थ्रिल हॉरर सस्पेंस का यह प्रयोग एक असफल प्रयोग कहा जा सकता है।