Hello comic nerds
मेरा बचपन 90% राज कॉमिक्स पढ़ते हुए ही बीता। कभी कभार इधर उधर से एक आध मनोज, तुलसी या डायमंड कॉमिक्स पढ़ने को मिल जाती थी, लेकिन कभी इन प्रकाशकों के कार्य को गहराई से जानने का मौका नहीं मिला। अरे भाई बच्चे थे, जुनून तो था लेकिन जेब में इतने पैसे नहीं थे कि हर कॉमिक्स खरीद कर पढ़ सकते।
उसके बाद आया इंटरनेट का जमाना। और सोशल मीडिया पर तमाम लोगों के मुंह से राम रहीम कि इतनी तारीफ सुनने को मिली, की जैसे ही कॉमिक्स इंडिया द्वारा मनोज कॉमिक्स मे राम रहीम के रिप्रिंट की खबर मिली, मैंने प्रीऑर्डर लगाने शुरू कर दिए।
उन्हीं तारीफों का नतीजा है कि आज मैं करने जा रहा हूं राम रहीम कि तीन कॉमिक्स की एक श्रृंखला, यम के बेटे (Yam ke bete) Trilogy का dissection
List of Comics
राम रहीम की इस यम के बेटे श्रृंखला (Yam ke bete trilogy) की तीनों कॉमिक्स के नाम क्रमवार है
1. मौत का दूत
2. अपने देश के दुश्मन
3. यम के बेटे
Credits
- Writer – Bimal Chatterjee
- Art – Kadam studio
- Editor – Bhupendra Kumar
Plot
कहानी है एक बुर्कापोश बॉस की जो राम रहीम के शहर से अपराधियों की एक Syndicate का संचालन कर रहा है। राम रहीम किस प्रकार इस खतरनाक अपराधी का सामना करते हैं और देश की रक्षा करने में सफल होते हैं, इसी की कहानी है इन तीन कॉमिक्स में।
Story
मैं जानता हूं कि कॉमिक्स कल्पनाओं का संसार है। और कल्पना की उड़ान की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए। लेकिन कभी-कभी लिखते समय कल्पना के साथ-साथ common sense को साथ बिठा लेना चाहिए। मसलन किसी सुपर हीरो शक्ति धारक बालक द्वारा अगर इस कहानी के स्टंट किए गए होते तो शायद मुझे हाजमोला की आवश्यकता नहीं पड़ती। लेकिन इस कहानी में लेखक ने स्कूल जाने वाले दो बालकों से ऐसे ऐसे करतब दिखाए हैं जो गले के नीचे नहीं उतरते हैं।
जैसे कि राम रहीम द्वारा हाफ निकर पहन कर बुलेट बाइक चलाना, और ना सिर्फ चलाना बल्कि उनसे स्टंट भी करना।
इसके अलावा और भी कई ऐसे वाक्ये कॉमिक्स में आते हैं जहां समझ को खिड़की से बाहर फेंकना पड़ता है। बंदूकधारी गुंडों द्वारा राम या रहीम को घेरने के बाद चाकू से हमला करना, उन गुंडों के IQ पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
इसके अतिरिक्त विलन को खतरनाक दिखाने के लिए विदेशी जासूसी का एंगल डालना कहानी को और हास्यास्पद बना गया है। 96 पृष्ठों में फैली इस कहानी को अगर केवल बच्चों से भीख मंगवाने वाले एक गिरोह और उसके सरगना तक सीमित रखा जाता तो कहानी ज्यादा विश्वसनीय लगती।
Art
यह बात तो मैं मानूंगा कि राम रहीम की कॉमिक्स के कवर बेहतरीन दिखते हैं। और कदम स्टूडियो द्वारा किया गया कॉमिक्स का आर्टवर्क वाकई में लाजवाब है। कॉमिक्स इंडिया द्वारा की गई रिकलरिंग कॉमिक्स को visually appealing बनाती है। अगर कहानी में कसाव होता तो इस आर्टवर्क के साथ सही में न्याय होता।
Final Verdict
इस कॉमिक्स को पढ़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि राम रहीम की कॉमिक्स शायद केवल nostalgia के कारण बिक रही हैं। क्योंकि कहानियों में कोई खास बात नहीं है और राम रहीम के किरदार तो कोरी गप्प लगते हैं।
राम रहीम की कॉमिक्स मैं सिर्फ इसी कारण से खरीद रहा हूं। आपको इनकी कॉमिक्स में क्या खास लगता है कृपया कमेंट सेक्शन में बताने की कृपा करें।