Hello Comic Nerds
कल रात में नींद थोड़ी जल्दी आ गई। इस वजह से आज सुबह कोई dissection पोस्ट नहीं कर पाया। इसलिए इतवार का लुत्फ उठाने के साथ-साथ आज मैंने अपने कॉमिक्स के खजाने में से बेहद नायाब हीरे निकाले हैं।
यह वह कॉमिक्स है जिन्होंने अपनी रिलीज के वक्त तहलका मचा दिया था। ऐसी ही एक जबरदस्त कॉमिक्स का आज मैं करने जा रहा हूं mid day dissection.
Credits
- Writer – Nazra Khan
- Art – Kadam Studio
Plot
इस कॉमिक्स में राम रहीम को भारतीय सेना की एक खास टोली के साथ पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस की चौकी नंबर 11 से भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर विनय सक्सेना को छुड़ाकर लाना है। इस मिशन में राम रहीम को क्या दिक्कत है आती हैं और वह कैसे इस मिशन को पूरा करते हैं, इसी की कहानी है विनाशदूत करकेंटा।
Art
कहानी का आर्टवर्क कदम स्टूडियोज ने किया है। हमेशा की तरह आर्ट काफी अच्छा बना है। उस जमाने के ट्रेंड के अनुसार छोटे-छोटे Panels में भरपूर एक्शन दिखाया गया है। एक्शन फ्रेम्स देखकर बिल्कुल ऐसा महसूस होता है कि आप कोई सजीव युद्ध देख रहे हो।
Story
कॉमिक्स की कहानी को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
Part 1
पहले भाग में पृष्ठ संख्या 29 तक एक रेस्क्यू मिशन है। यहां पर लेखक ने राम रहीम के साथ चार और सैनिकों को जोड़ा है। बाकी तीन की तो खासियत बताई गई है लेकिन तौफीक खान का introduction यह बता कर किया जाता है कि वह इतना मसखरा है कि मुर्दों को भी हंसने के लिए मजबूर कर दे। अब इस मसखरेपन से युद्ध में कौन सी उपलब्धि हासिल होगी यह स्पष्ट नहीं हो पाता है।
खैर, अतिशयोक्तियो से भरपूर यह पहला भाग ढेर सारे एक्शन के साथ समाप्त होता है। और कहानी बढ़ती है दूसरे अध्याय की तरफ
Part 2
अर्नाल्ड श्वाजनेगर की Predator (1987) नहीं देखे हो। नहीं देखे हो तो धरती कर क्या रहे हो तुम। कॉमिक्स पढ़ने से अच्छा है उसका लाइव एक्शन देख लो। बाकी जिसे कहानी पढ़नी है वह इस लिंक पर जा सकता है। (Predator)
Average Story Rating (Part 1+ Part 2)
Final Verdict
यह कॉमिक्स सिर्फ इसलिए संग्रहणीय हो जाती है क्योंकि इसमें रहीम के कटे हुए हाथ की कहानी बताई गई है और इसके अगले भाग आकाश का जादूगर में उस कहानी का अंत किया गया है।
यह कॉमिक्स उस समय की भारतीय कॉमिक्स की परिस्थितियों से अवगत कराती है जब मनोरंजन के नाम पर पूरी की पूरी फिल्म छाप कर हमें बेच दी जाती थी।
There is a difference between drawing inspiration, adapting a story into local setting, and copying story and scenes frame by frame from the original.