उमाकार्ट कॉमिक्स 4 बंद हो चुके प्रकाशनों की चुनिंदा कॉमिक्स के रिप्रिंट निकाल रही है और इसी क्रम में उन्होंने तीसरे सेट में तीन कॉमिक्स प्रकाशित की है जिनमें दुर्गा कॉमिक्स की टोरा टोरा और लाल शैतान, गोयल कॉमिक्स की गुरु चेला और कुएं में झमेला तथा फोर्ट कॉमिक्स की महाबली सैंडो और कालदेव है। इस पूरे सेट का अलग-अलग रिव्यू करने के बजाए मैंने पिछली बार की तरह ही एक सामूहिक रिव्यू डालने का निर्णय लिया है ताकि कॉमिक्स जगत को ये अंदाजा लग सके कि ये पूरा सेट किस प्रकार का है।
1. महाबली सैंडो और कालदेव
फोर्ट कॉमिक्स का यह किरदार काफी कुछ फैंटम सरीखा ही लगता है। बस फर्क सिर्फ इतना ही है कि कहानी बेंगाला के जंगलों की जगह, सहारा के रेगिस्तान में चलती है। कहानी काफी सरल है जिसमें महाबली सैंडो एक कबीले की रक्षा करता है, जिस कबीले के लोग उसको देवता मानते हैं। कहानी का मुख्य विलेन कालदेव है जो एक कबीले के सरदार की बेटी से विवाह करना चाहता है, किंतु महाबली सैंडो उसकी राह में रोड़ा बन जाता है। उस लड़की की रक्षा करते करते सैंडो और उसके बीच में प्यार भी पनपने लगता है मगर यह सब कुछ बहुत आनन-फानन में होता है जिस वजह से इस प्रेम कहानी से भावनात्मक जुड़ाव नहीं हो पाता है। कहानी का आर्टवर्क सैंडो की शक्तियों की वजह से थोड़ा हटके लगता है क्योंकि हमारे सुपर हीरो के अधिकतर पैनल्स में रेतीली हवाएं और धूल के गुब्बार दिखाए गए हैं जो औसत चित्रों को बेहतर बनाते हैं। कुल मिलाकर यह कॉमिक्स पुराने 90 के जमाने की कहानियों के पैमाने पर पढ़ने योग्य है।
2. टोरा टोरा और लाल शैतान
दुर्गा कॉमिक्स की यह कॉमिक्स टोरा टोरा नामक एक सुपर हीरो के उदय की कहानी है। इस कॉमिक्स की कहानी बिल्कुल समझ से परे है। हिमालय में मिलने वाले एक विचित्र इंसान को अगवा करके भारतीय वैज्ञानिक उस पर रहस्यमई प्रयोग करते हैं। किसी इंसान पर उसकी इच्छा के विरुद्ध प्रयोग करना कहीं से भी अच्छा काम नहीं कहलाएगा लेकिन यह कॉमिक्स उस लॉजिक को दरकिनार करते हुए आगे बढ़ती है जहां दुनिया भर के सुपर हीरो टोरा टोरा की शक्तियों का परीक्षण करने आ जाते हैं। ओरिजिनल कॉमिक्स के मुकाबले इस कॉमिक्स में सुपरमैन को सन मैन और बैटमैन को मून मैन बनाने के लिए एडिटिंग की गई है लेकिन कई जगह एडिटिंग की कमी दिखाई देती है, जैसे कि पृष्ठ संख्या 11 में अभी भी बैटमैन लिखा हुआ है। निसंदेह उमाकार्ट प्रकाशन को एक अच्छे एडिटर की आवश्यकता है।
3. गुरु चेला और कुएं में झमेला
इस सेट की यह सबसे मनोरंजक कॉमिक्स है। पुराने जमाने की सरल हास्य से परिपूर्ण यह रचना 90 के नॉस्टैल्जिया वाली फीलिंग देती है। कहानी मनोरंजक है और इसे समझने के लिए आइंस्टाइन होना आवश्यक नहीं है। ऐसी कहानियां उस जमाने में बहुतायत आया करती थी और हमारे बाल मन को बहुत लुभाती थी। इस प्रकार की कहानियों को पढ़कर आज भी बाल्यावस्था को महसूस किया जा सकता है।
Final Verdict
उमाकार्ट द्वारा मृत प्रकाशनों को पुनर्जीवित करने के लिए किया जा रहा यह प्रयास स्वागत योग्य है किंतु किस कॉमिक्स को छापना है इसके पीछे कोई पुख्ता सोच दिखाई नहीं दे रही है। सेट टू में भी चाचा चंपकलाल की एक रैंडम कहानी छापी गई थी। इस प्रकार उमाकार्ट भी कॉमिक्स इंडिया के नक्शे कदम पर चलती दिखाई दे रही है। इस वजह से पाठकों को इन रिप्रिंट से जोड़ना थोड़ा मुश्किल जरूर होगा। आशा है अभय भाई इन दो सुझावों पर गौर करेंगे।
- कौन सी कॉमिक्स छापनी है, इसके पीछे एक रणनीति होनी चाहिए
- कॉमिक्सों के पुनः प्रकाशन में एक अच्छे एडिटर की सर्विस ली जाए।