एक anthology लिखना अपने आप में एक बहुत पेचीदा काम है। खास करके तब जब आप उस संग्रह की सभी कहानियों को आपस में जोड़ने का इरादा रखते हो। ऐसी ही एक कोशिश आर्क कॉमिक्स ने The Horror Tales के रूप में की है। तो चलिए dissection के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं की कैसी बनी है ये कॉमिक्स
Credits
- Writer – Ishan Nagpurwala
- Art – Harendra Singh Saini, Harjeet Singh Dedialla, Deepak Patel, Amrut Pasang Lama, Prakash Bhagwant Bhalwi, Manish S Mittal
- Colour – Harendra Singh Saini, Amrut Pasang Lama, Shahab Khan, Ritin Saroha
- Lettering – Ravi Raj Ahuja
- Editor – Ishan Nagpurwala
Art
इस कॉमिक्स का आर्टवर्क वाकई में एक मिक्सड बैग है। पहली कहानी रात का रक्षक में हरेंद्र सिंह सैनी का आर्टवर्क शुरुआती कुछ फ्रेम्स को छोड़कर अच्छा बना है।
वही पाताल का मेहमान का आर्ट बेहद साधारण है। हरजीत देदिअल्ला का चित्रांकन anatomically काफी कमजोर लगता है।
हादसे की रात मे दीपक पटेल के आर्ट वर्क को शाहब खान के रंगों ने बहुत दबा दिया है, जिसकी वजह से चित्रों की समीक्षा करना ही मुश्किल हो जाता है।
कुए का भूत में अमृत पासंग लामा का काम एक old school feel देता है।
वही रहस्यमई दीप में मनीष मित्तल के चित्रों को हरेंद्र सिंह सैनी के रंगों ने इस कॉमिक्स का सबसे बेहतरीन हिस्सा बनाया है।
निष्कर्ष में प्रकाश भगवंत भलवी के चित्रों को देखकर मुर्दों की ट्रेन की याद आती है जिसके चित्र मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं आए थे।
Story
अगर कहानियों की इसी क्रम में बात करें तो रात का रक्षक तक ट्विस्ट अच्छा लगता है, वही पाताल का मेहमान की कहानी अधूरी सी महसूस होती है। हादसे की रात एक ऐसी कहानी है जिसमें कुछ भी खास नहीं है। यह कहानी ऐसी दर्जनों कहानियां जैसी लगती है जिनमें मुख्य किरदार को देर से पता चलता है कि वह मर चुका है। कुएं का भूत कहानी का आखरी ट्विस्ट अच्छा है, लेकिन एक बार फिर कोई out-of-the-box ट्विस्ट नहीं है। रहस्यमई द्वीप कहानी एक बार फिर बहुत सुनी हुई और पढ़ी हुई सी लगती है। लेकिन कथानक के मामले में इस कॉमिक्स का जो सबसे कमजोर पहलू है वह है इस कॉमिक्स की आखिरी कहानी निष्कर्ष।
Problem
जी हां, इस कॉमिक्स की समस्या के बारे में बात करने के लिए मुझे एक अलग ही सेगमेंट लिखना पड़ रहा है। इस कॉमिक्स में 5 डरावनी कहानियां हैं जो छठी कहानी से जुड़ी हुई है। और यही पर स्क्रिप्ट इस पूरे एक्सपेरिमेंट को फेल कर देती है। जहां वह पांचों कहानियां बहुत तेजी से खत्म हो जाती है, वही छठी कहानी में उन पांचों को जिस तरह से जोड़ा गया है वह किसी अधपके पकवान जैसा लगता है। इस प्रकार की कहानियों में यह आवश्यक है कि आप पाठक के मन में मुख्य किरदारों के प्रति भावनाएं उत्पन्न करने का प्रयास करें। और इसके लिए आवश्यक यह होता है कि आप अपने मुख्य किरदारों को कहानी की शुरुआत में ही पेश करें जिससे पाठक यह समझ सके की आने वाली कहानियां उन्हीं में से एक किरदार के द्वारा दूसरे को सुनाई जा रही हैं। इससे पाठक के मन में लगातार यह सवाल चलता रहता है कि आखिर इन कहानियों को सुनाने के पीछे का कारण क्या हो सकता है। कॉमिक्स के अंत में अचानक से सारी कड़ियां जोड़ देना आपकी मेहनत तो बचा सकता है लेकिन आपकी पटकथा को भावनात्मक रूप से पाठक के लिए शून्य कर देता है। इस वजह से यह कॉमिक्स मनोरंजन के पैमाने पर सफल नहीं हो पाती है।
Final Verdict
The Horror Tales मे किया गया प्रयोग कोई नवीन प्रयोग नहीं है लेकिन फिर भी अगर उस प्रयोग में पूरी मेहनत की जाती तो हाल फिलहाल में आई कॉमिक्स को ध्यान में रखते हुए यह एक अलग तरह की पेशकश होती। अफसोस इस बात का रहेगा की जल्दबाजी में एक ऐसा प्रोडक्ट पेश कर दिया गया जिसे थोड़ी सी और मेहनत करके बहुत निखारा जा सकता था।