Hello Comic Nerds
वर्ष 2022 को राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता ने ध्रुवोदय ईयर घोषित किया है। अर्थात इस साल सुपर कमांडो ध्रुव पर ही उनका Main Focus रहेगा। इसी वादे को निभाते हुए राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता ने रातों-रात सभी पाठकों को चौका दिया जब उन्होंने घोषणा करी कि 4 साल से लटकी हुई सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स श्रृंखला शक्तिरूपा (Shaktiroopa) को वह रिलीज कर रहे हैं।
साथ में उन्होंने यह भी बताया कि यह कॉमिक्स अभी पूरी तरह complete नहीं है लेकिन वह पाठकों को और इंतजार नहीं करवाना चाहते, और इसीलिए इसे यथारूप नाम देकर इसके तीनों भागों को bind करके वह एक साथ रिलीज करेंगे।
कोई कुछ भी कहे सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स हमेशा से डिमांड में रही हैं, और इसका उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला जब शक्ति रूपा धड़ाधड़ बिकने लगी।
जब सब ले रहे थे तो हम क्यों पीछे रहते। बस तो हमारे पास भी आ गई हमारी कॉपी।
Let’s Dissect
संक्षेप में बता दूं कि यह कॉमिक्स श्रृंखला तीन भागों में है
स्त्रीभू, सिंधुनाद और मृत्युरूपा।
और आज हम करेंगे इसके प्रथम भाग स्त्रीभू का dissection.
Credits
Art and Story – Anupam Sinha
Inking – Jagdish
Color effects – Ishan Trivedi
Editor – Manoj Gupta
Plot
इस कॉमिक्स की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां हंटर्स की खत्म हुई थी। कहानी की शुरुआत में हमारा परिचय शक्तिरूपा से करवाया जाता है जो कि एक रहस्यमय शक्ति है। साथ ही हमारा परिचय कराया जाता है स्त्रीभू नामक रहस्यमय महाद्वीप से, जहां पर मातृसत्तात्मक समाज है।
उस महाद्वीप के कई किरदारों से हमारा परिचय होता है और पता चलता है कि कुछ वर्ष पूर्व दो शक्तिरूपा में से एक शक्तिरूपा गायब हो गया था। बस इन्हीं शक्तिरूपा को प्राप्त करने की जद्दोजहद से भरी हुई है यह कहानी।
Story
कहानी चिर परिचित अनुपम सिन्हा जी की लेखनी में है। एक्शन रुकने का कहीं नाम ही नहीं लेता है। हर किरदार अपनी अलग चाल चलने में लगा हुआ है। ब्लैक कैट का किरदार काफी डार्क शेड्स में है तो वही नताशा एक बार फिर ग्रे शेड में नजर आई है। जुपिटर सर्कस से एक बार फिर कहानी के तार जोड़े गए हैं। कुल मिलाकर कहानी एक पैसा वसूल मनोरंजन है।
Art
जहां तक बात करें आर्ट की, तो अनुपम सिन्हा जी ने अपनी चिर परिचित शैली में बेहतरीन कार्य किया है। कॉमिक्स फ्लैट कलर्स में है और इफैक्ट्स नहीं डाले गए हैं जिसकी वजह से कॉमिक्स का फील क्लासिक ध्रुव के जमाने की कॉमिक्स जैसा महसूस होता है। यह इस कॉमिक्स को पढ़ने में और आनंद देता है।
Timeline is a mess
कहानी में सब कुछ अच्छा है लेकिन एक कमी समझ को घुमा कर रख देती है। अनुपम जी का हर कहानी को जूपिटर सर्कस से जोड़ना उनकी लेखनी की सबसे बड़ी कमजोरी बनता जा रहा है। इस कहानी में दिखाया गया है कि जुपिटर सर्कस की घटना केवल 5 साल पुरानी है। अब प्रतिशोध की ज्वाला में ध्रुव 14 साल का था और इस बात की पुष्टि षड़यंत्र कॉमिक्स के ग्रीन पेज संख्या 22 में की गयी है. अब इस हिसाब से तो ध्रुव अभी मात्र 19 साल का हुआ, तो क्या इतने वर्षों से ध्रुव नताशा और रिचा का जो प्रेम त्रिकोण हम देख रहे थे वह नाबालिग प्रेम था? और फिर अगर ध्रुव मात्र 19 साल का है तो प्रेम ग्रंथ का क्या औचित्य रह जाता है? फिर तो प्रेम ग्रंथ बाल विवाह की कहानी हो जाएगी।
Dhruva’s timeline is a mess and a detailed researched article will come up soon on this topic.
Khooni Khandan >>> Baal Charitra
आशा है अनुपम सर जुपिटर सर्कस को बार-बार ध्रुव की कहानियों में लाना कम करेंगे। खूनी खानदान सीरीज इसीलिए बाल चरित्र से ज्यादा अच्छी लगती है।
Final word
कुल मिलाकर यह कहानी बेहतरीन कहानियों में से एक है। इसके दूसरे भाग की समीक्षा लेकर मैं जल्द ही उपस्थित होऊंगा। तब तक इंतजार कीजिए।
I don’t know why but I feel ki Dhruv aur Doga ke sath RC yhi galti kar rahi… continuously past explore kar rahe jo ki mere opinion me ek time ke baad boring ho jata…we need advancement in plot rather than going back in circles to the story we all have read multiple times
Review acha tha….
But maine abhi tk padhi nhi…
Mai isme complete work ke saath padhna pasand karoonga….
Baaki dhruv ki age wala mudda
Pehle bhi kuch comics me aa chuka hy i guess……
In fact, anupam sir is a legend but He himself forgets the old stories written by him.
Ab black cat wala hy dekh lijiye….uske father ki death ki 2 separate stories hy jo ak doosre se bilkul bhi mel nhi khaati hy…