स्वयंभू कॉमिक्स ने मात्र 2 साल के अंदर अपने बेहतरीन कंटेंट से कॉमिक्स जगत में एक पहचान बना ली है। जब उनकी पहली कॉमिक्स आई थी तो उन्हें एक नए प्रकाशक के रूप में देखा जाता था लेकिन जिस प्रकार की कहानियां उन्होंने हमारे समक्ष रखी उसकी वजह से अब उन्हें एक नए प्रकाशक के रूप में देखना या फिर उनके प्रोडक्ट की समीक्षा में किसी प्रकार का leeway देना अब संभव नहीं है। तो चलिए इसी बात को याद करते हुए करते हैं satyug part 3 का dissection.
Credits
- Writer – Sudeep Menon
- Art – Caio Pegado
- Color – Brie Sooja
- Lettering/Editing and Graphic designing – Raviraj Ahuja
- Chief Editor – Bhupinder Thakur
Artwork
कवर पेज से लेकर आखिरी पन्ने तक एक बार फिर सतयुग की कॉमिक्स का आर्टवर्क मंत्रमुग्ध कर देने वाला बना है। फाइट सीन्स हो या शैतानों का चित्रण, एक एक फ्रेम गजब खूबसूरत बना है। कलरिंग top notch है। कायो पेगाडो और ब्री सूजा की जोड़ी ने जो समा बांधा है वो काबिले तारीफ है।
Story
सुदीप मेनन आज के वक्त में सबसे बेहतरीन लेखकों में से एक है। अगर यज्ञा ४ को छोड़ दे तो उन्होंने अभी तक कोई गलत कदम नहीं रखा है। इस बार भी उन्होंने पुराने क्लेवर की कहानी को एक नया मनोरंजक रंग दिया है, लेकिन एक अच्छी कहानी का सारा मजा हिंदी एडिशन में छूमंतर हो गया है। इसका मुख्य कारण है हिंदी ट्रांसलेशन में कमियां और प्रूफ रीडिंग की कमी। जैसे कि पृष्ठ संख्या 30 पर दूसरे पैनल में नियंत्रण की जगह नियंत्रित लिखा होना और पृष्ठ संख्या 32 के आखिरी पैनल में एक ही डायलॉग में दो बार हम लिखा जाना। ऐसी छोटी-छोटी छुट्टियों से कॉमिक्स भरी पड़ी है। इसके अलावा पृष्ठ 26 से 30 तक सभी कैप्शंस में एक या दो शब्दों को हाईलाइट किया गया है लेकिन ऐसा करने का कोई खास कारण नहीं दिखता है। यह प्रयोग भी रीडिंग एक्सपीरियंस को काम करता है और कहानी से ध्यान भटकाता है। साफ विदित है कि स्वयंभू कॉमिक्स को एक प्रोफेशनल प्रूफ्र रीडर की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त कहानी के कुछ प्रसंग organic नहीं लगते हैं। उस वानर किरदार का अपने मानव वेश से अपने असली रूप में आने वाला लघु प्रसंग अटपटा सा लगता है, साथ ही साथ बाकी तीन किरदारों को introduce करने का स्टाइल भी अजीब सा प्रतीत होता है। जाहिर सी बात है कि जो लोग एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं वह इस प्रकार पूरा नाम लेकर पुनः परिचय नहीं करेंगे। पाठकों को इन नामों से अवगत कराने के लिए narrative caption का प्रयोग किया जा सकता था।
Final Verdict
सतयुग श्रृंखला की कहानी का रहस्य अंक दर अंक और गहरा होता जा रहा है। निसंदेह कहानी और आर्ट वर्क के मामले में इस बार भी कोई खास कमी नहीं थी लेकिन ऊपर लिखित त्रुटियों की वजह से सतयुग श्रृंखला के तीसरे अंक का हिंदी संस्करण स्वयंभू कॉमिक्स द्वारा तय किए गए खुद के स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरा है।