थोड़े ही समय में स्वयंभू कॉमिक्स ने अपनी गिनी चुनी कॉमिक्स के माध्यम से एक अच्छी पहचान बना ली है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आज की तारीख में वह भारतीय कॉमिक्स जगत के टॉप 3 कॉमिक बुक पब्लिशर्स में से एक है। इसका कारण है उनकी कॉमिक्स की कहानियां जो काफी हटके है। ऐसी ही एक कहानी का आज मैं dissection करूंगा जिसका शीर्षक है सतयुग (अंक दो)।
Credits
- Writer – Sudeep Menon
- Art – Caio Pegado
- Coloring – Renan Leno
- Lettering – Ravi Raj Ahuja
- Hindi translation – Mandar Gangele
- Editor in chief – Bhupinder Thakur “Superunique”
Plot
सतयुग कॉमिक्स के पहले अंक में हमारी मुलाकात सत्या और युग से हुई थी और हमने देखा था किस प्रकार युग के पास यह शक्ति है कि वह मरे हुए लोगों को देख सकता है और उनसे बात भी कर सकता है। उसकी मुलाकात सत्या नामक प्रेत आत्मा से होती है जिसे इंसाफ दिलाने में वह मदद करता है। उसी कथानक को आगे बढ़ाती है यह कॉमिक्स।
Art
इस कॉमिक्स का आर्टवर्क वाकई में लाजवाब है। प्रेतों को नीले रंग में दिखाने का अंदाज काफी हटके लगता है और कॉमिक्स के पन्नों को और भी खूबसूरत बनाता है। जो सबसे अच्छी बात मुझे इस कॉमिक्स के आर्टवर्क की लगी वह युग के चेहरे पर दिखाए गए अलग-अलग भाव है। सत्या के साथ जुड़ने के बाद जब युग एक सुपर हीरो का किरदार निभाता है तो उसके चेहरे पर चित्रांकन के द्वारा दर्शाए गए हाव भाव उसके किरदार को एक नई रोशनी में प्रस्तुत करते हैं। ऐसी ही छोटी-छोटी बातें किसी कॉमिक के आर्टवर्क को अच्छे से शानदार बनाती है। क्लाइमेक्स में होने वाली फाइट बिल्कुल किसी फिल्म का फील देती है। एक एक फ्रेम इस खूबसूरती से एक लड़ी में पिरोया गया है कि आपको चित्र चलते हुए दिखाई देते हैं। कवर पेज का homage का तरीका मुझे काफी पसंद आया। आशा है कि यह प्रयोग आगे भी चलता रहेगा।
Story
आपने कभी सेंटर शॉक चिंगम खाई है? अगर खाई होगी तो आपको वह एहसास जरूर याद होगा जब चिंगम चबाने के थोड़ी देर बाद अचानक से एक बेहद खट्टा सा तरल पदार्थ आपके मुंह में फैल जाता है और आपके बदन में सिहरन दौड़ जाती है।
जी हां कुछ वैसी ही है इस कॉमिक्स की कहानी। कहानी की शुरुआत में एक मार्मिक दृश्य है जो आपको झकझोड़ के रख देगा। यहां मैं एक बार फिर चित्रांकन की तारीफ करूंगा की चित्रकार ने कहानी के इस दर्द भरे हिस्से को इस खूबसूरती से दर्शाया है की वो चित्र कही से भी अश्लील नही लगते है।
फिलहाल, कहानी जैसे जैसे आगे बढ़ती है, कहानी में छोटे छोटे राज और खुलासे जुड़ने लगते है। कहानी थोड़ी धीमी गति से चलती है और काफी हद तक एक जासूसी कथा जैसी लगती है, मगर कहानी के अंत में अचानक लेखक ने मानो एक्सीलरेटर पर पैर दबा के नाइट्रो बूस्ट ऑन कर दिया है। कहानी का क्लाइमैक्स आपको सतयुग के संसार में खींच लेता है या ये कहें आप खुद ही उसमे कूद पड़ते हो।
Final Verdict
कोई भी कहानी जो स्वयं में पूर्ण हो कर भी आपको अगले भाग के लिए उत्साहित करती है, वो एक संग्रहणीय कहानी है। सतयुग २ एक ऐसी ही कहानी है। स्वयंभू कॉमिक्स की अब तक की सबसे बेहतरीन पेशकश है। अगर आप अच्छी कॉमिक्स की तलाश में है तो इसे जाने देना बेवकूफी होगी।