भारतीय कॉमिक्स जगत में शायद अनुपम सिन्हा से बड़ा कोई नाम आज की तारीख में नहीं होगा। केवल आज ही क्यों अगर भारतीय कॉमिक्स का पूरा इतिहास देखा जाए और financial aspects पर एक तुलनात्मक समीक्षा की जाए तो अनुपम सिन्हा is way above all the others. अब कई लोग यह भी कहेंगे कि उन्होंने केवल विदेशी कॉमिक्स की नकल उतारी है, लेकिन यह तथ्य है कि नकल के लिए भी अकल की आवश्यकता होती है।
चलिए इन विवादास्पद बातों को दूर करते हुए focus करते हैं अनुपम सर के काम पर। राज कॉमिक्स की सर्वाधिक सफल कॉमिक्स नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स रही है। अगर देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि राज कॉमिक्स के जो दो सबसे महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है वह नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव ही है। और इन दो आधार स्तंभों को सर्वाधिक मजबूती देने वाले लेखक एवं चित्रकार का नाम अनुपम सिन्हा है। इसलिए जब राज कॉमिक्स के दो टुकड़े हुए तो अधिकतर फैंस ने यह आशंका व्यक्त करें की जिस धड़े के साथ अनुपम सर काम करेंगे वही सफलता प्राप्त करेगा।
हालांकि अभी तक आई कॉमिक्स की तुलना अगर करें तो संजय गुप्ता जी ने इन सभी कयासों को गलत साबित किया है। यहां तक की अनुपम सिन्हा जी द्वारा रचित सर्प सत्र संजय गुप्ता जी की नाग प्रलय के आगे कमजोर साबित हुई थी। किंतु सर्प द्वंद के साथ अनुपम जी ने एक बार फिर अपना लोहा मनवा लिया है। तो चलिए करते हैं राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता प्रकाशित सर्प द्वंद का dissection।
Story and art – Anupam Sinha
Inking – Vinod Kumar and Jagdish Kumar
कथानक एवं चित्रांकन
क्योंकि इस कॉमिक्स मैं दोनों कार्य एक ही व्यक्ति लिखिए हैं इसलिए दोनों की सम्मिलित समीक्षा करना ठीक रहेगा। जहां सर्प सत्र काफी confusing बनी थी वही सर्प द्वंद ने उस कहानी को ना सिर्फ आगे बढ़ाया है बल्कि पहले भाग को भी in retrospection पढ़ने योग्य बना दिया है। इस कॉमिक्स के लिए मैं अनुपम सर से भी ज्यादा मनोज गुप्ता जी की तारीफ करूंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस कॉमिक्स के प्रकाशन से ठीक पूर्व उन्होंने तौसी की आठ कॉमिक्स रिलीज कर दी। यहां एक smart marketing strategy का उदाहरण है। इसकी वजह से मुझ जैसे उन तमाम पाठकों को तौसी के संसार की जानकारी मिल गई, जो इस कॉमिक्स में कुछ हद तक काम आई। इसके अलावा अनुपम सर द्वारा इस कॉमिक्स में तौसी के संसार के कुछ अहम किरदारों को लाने का निर्णय बेहद अच्छा लगा। साफ पता चलता है कि उन्होंने तौसी की detailed study करने के बाद इस कॉमिक्स को लिखा है। कालचक्र और जी 18 का इस कथानक में विलय कहानी को और रोचक बनाता है।
कहानी में multiple layers of suspense है और एक्शन कहीं पर भी थमने का नाम नहीं लेता है। इस वजह से कॉमिक्स पहले पन्ने से आखिरी पन्ने तक unputdownable है।
लेकिन जैसा कि हर कॉमिक्स में अच्छी बातें होती हैं तो कुछ कमियां भी होती हैं। अनुपम सर का प्रतिबिंब से लड़ाई वाला angle, जहां एक पात्र अपने दुश्मन को उसी के प्रतिबिंब से लड़वा देता है, वह एक ही कॉमिक्स में दो बार रिपीट किया गया है, जो थोड़ा सा बोरिंग लगता है। इसके अलावा कॉमिक्स का कवर पृष्ठ भी बेहद खराब बना है। ना जाने क्यों एक ही कवर में सभी किरदारों को धकेल देने की अनुपम सर की यह आदत मुझे पसंद नहीं आती है।
कॉमिक्स का चित्रांकन typical अनुपम सिन्हा शैली का है जो अच्छी इंकिंग और कलरिंग से उभर कर आता है लेकिन कवर पर या इकिंग धोखा दे गई है।
कुल मिलाकर राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता द्वारा यह पहला अच्छा कॉमिक्स है और आशा है कि सर्प यज्ञ भी इस standard को बनाकर रखेगी।
My verdict – 8/10
कॉमिक के प्रति रुचि जगाती समीक्षा…