Cinemics ने ठग नामक ग्राफिक नोवेल से कॉमिक्स जगत का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है मगर क्या उनके द्वारा प्रकाशित दूसरा ग्राफिक नोवल रीवा (Reva) भी ठग की तरह ही मनोरंजक है? चलिए इस प्रश्न का उत्तर आपके सामने रख ही देता हूं।
Credits
- Writer – Ajitesh Sharma
- Art – Ugona Umeik
- Editor – Shilpa Sharma
Art
किसी भी ग्राफिक नोवल के लिए कहानी के साथ-साथ आर्ट वर्क भी अच्छा होना बहुत जरूरी है। खास करके तब जब आप की कहानी व्यापक 80 पृष्ठों में फैली हुई हो। अगर आर्ट अच्छी नहीं होती है, तो कहानी भले ही कितनी भी अच्छी हो पाठक का ध्यान भटकने का डर रहता है। रीवा की यही समस्या है। चित्रांकन बिल्कुल भी लुभावना नहीं लगता है हालांकि कलरिंग काफी vivid होने की वजह से थोड़ा damage control हो जाता है। इस प्रकार का चित्रांकन भारतीय पाठकों को शायद ही पसंद आएगा।
Story
रीवा की कहानी सबसे बड़ी कमी यह है कि सिवाय रीवा के किसी भी किरदार को पूरी तरह develop करने की कोशिश नहीं की गई है। सारे किरदार बेहद सतही लगते हैं और कहानी का हर मोड़ बहुत predictable लगता है। कहानी के क्लाइमेक्स में एक twist डाला गया है जो सिर्फ शौक वैल्यू के लिए जोड़ा हुआ लगता है और साथ ही साथ मुख्य विलेन के उद्देश्य पर एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर जाता है। इस बारे में ज्यादा नहीं लिखूंगा क्योंकि वह spoiler की श्रेणी में आ जाएगा। बहरहाल यहां मैं यह जरूर कहना चाहूंगा की साइड विलेन जैकब रीवा के साथ आखिर क्या करना चाहता था यह बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। कहानी पढ़ने पर ऐसा लगता है कि सिर्फ कहानी को भारत में लाने के लिए जैकब और रीवा वाला प्रसंग लिखा गया मगर उस वजह से जैकब बहुत ही कंफ्यूजड किरदार लगता है। इसी प्रकार यह कहानी कोई भी नया मसाला परोसने में असफल होती है।
Final Verdict
रीवा एक औसत ग्राफिक नोवल है जहां चित्र और कहानी दोनों ही निराश करते हैं। Cinemics से उम्मीद करते हैं कि वह इस किरदार की आने वाली कहानियों को थोड़ा और मसालेदार बनाने का प्रयास करेंगे।