नागायण राज कॉमिक्स की अब तक की सबसे भव्य श्रृंखलाओं में से एक है। अनुपम सिन्हा जी ने रामायण की कहानी को नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव के जीवन में ढालकर, एक महागाथा की रचना की थी, इसलिए जब महानागायण की घोषणा हुई, तो उत्सुकता होना स्वाभाविक था। लेकिन पहले भाग अवतरण पर्व ने सभी पाठकों को खासा निराश किया था। ऐसे में क्या इस महागाथा का दूसरा भाग रक्त पर्व (Rakt Parv) उम्मीदों पर खरा उतरा या नहीं। आइए जानते हैं।
Credits
- Writer and artist – Anupam Sinha ji
- Inking – Vinod Kumar/Prem Gunawat/Amit Kumar/Ritin Saroha
- Coloring – Pravin Singh/Sanjay Sultaniya/Mohan Prabhu
- Calligraphy – Nitish Sharma
- Editor – Manoj Gupta
Art
अनुपम सिन्हा जी की कॉमिक्स के आर्टवर्क से कौन परिचित नहीं होगा। उनके द्वारा रचे गए चित्रों में detailing काफी ज्यादा होती है। और कहीं ना कहीं हम सब उनकी बनाई कॉमिक्स को पढ़कर ही बड़े हुए हैं। ऐसे में उनके बनाए चित्रों में किसी भी प्रकार की ऊंच नीच बहुत अखरती है। और इस कॉमिक्स में तो उनके हाथों से बने आर्ट वर्क पर बहुत ही निम्न दर्जे की इकिंग और साधारण सी कलरिंग करके उन चित्रों का स्तर गिराने का काम किया गया है। कुछ जगह तो चित्र बहुत धुंधले नजर आते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉमिक्स की मूल प्रति नहीं बल्कि कोई स्कैन्ड कॉपी है। इस वजह से कॉमिक्स पढ़ने का आनंद चुटकियों में धुआं हो जाता है।
Story
महानागायण वाकई में एक महागाथा है। इस कहानी में बहुत सारे किरदार हैं और सब अपनी अपनी चाल चल रहे हैं। कहानी में बहुत कुछ हो रहा है और यही इस कहानी की सबसे बड़ी कमी बन जाती है। इस कमी के लिए लेखनी से ज्यादा एडिटिंग जिम्मेदार हैं जो कहानी के अलग-अलग हिस्सों को एक सूत्र में सही से पिरोने की कोशिश करती नहीं दिखाई देती है। इस वजह से कहानी एक प्रसंग से दूसरे प्रसंग में jump मारती हुई प्रतीत होती है।
कहानी का एक और कमजोर पहलू डोगा है। चित्रांकन से लेकर व्यक्तित्व तक इस ब्रह्मांड का डोगा बहुत सतही नजर आता है। महानागायण की एक और कमी जो पाठकों को परेशान कर सकती है वह इसमें नित नए किरदारों का आगमन और नए स्थानों का जिक्र, जैसे कि गमत्त क्या है, काली 671 कौन है और भीषण भैरव किस बला का नाम है। एकदम से किसी किरदार का आ जाना नए के साथ-साथ पुराने पाठकों को भी कंफ्यूज कर सकता है। इन सारे कारणों के चलते रक्त पर्व एक एक्शन पैक्ड कहानी होते हुए भी मनोरंजन के पैमाने पर औसत रह जाती है।
Final Verdict
महानागायण एक high stakes वाली कहानी है, जिसमे बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ने की संभावनाएं है मगर नगण्य एडिटिंग और खराब आर्टवर्क के चलते, ये महागाथा अभी तक तो उम्मीदों की कसौटी पर खरी नहीं उतरी है। उम्मीद है की जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ेगी, कथा एक सांचे में ढलती जाएगी और आदरणीय अनुपम सिन्हा जी के नाम से जुड़ी उम्मीदों पर खरा उतरेगी।
The mystery of Shakti’s alt ID
इस कॉमिक्स के एक पैनल में यह दर्शाया गया है कि शक्ति जिस महिला के शरीर में वास करती हैं उसका नाम ममता है। इस पॉइंट को लेकर कुछ लोगों ने मसखरी करने और विवाद खड़ा करने का प्रयत्न किया किंतु ऐसे लोग शायद यह बात भूल गए की नागायण और महानागायण राज कॉमिक्स के मुख्य यूनिवर्स से इतर, एक पैरेलल यूनिवर्स की गाथा है और यह पूरी तरह संभव है कि इस ब्रह्मांड में चंदा की जगह ममता को शक्ति ने अपना वाहन चुना होगा।