Hello Comic Nerds
कुछ ऐसी कॉमिक्स होती हैं जो इतिहास रच जाती हैं। अपनी तमाम खामियों के बावजूद वे कॉमिक्स इतिहास का एक ऐसा milestone बन जाती हैं, जिनसे कॉमिक्स की दुनिया परिभाषित होती है।
यह चुनिंदा कॉमिक्स, कॉमिक्स पाठकों के लिए एक धर्म ग्रंथ सा स्थान रखती है। इनकी समीक्षा करना ईशनिंदा करने के बराबर है, और शायद इस dissection के बाद मेरा हश्र चार्ली हेब्डो जैसा हो सकता है। किंतु डर के जीने में मजा ही कहा है। इसलिए आज मैं करने जा रहा हूं भारतीय कॉमिक्स जगत की एक ऐतिहासिक कॉमिक्स का dissection.
A historical comics
नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव राज कॉमिक्स का पहला कॉमिक्स विशेषांक था। पहली बार किसी कॉमिक्स में तो सुपर हीरो एक साथ आ रहे थे। जाहिर सी बात है कि यह विशेषांक हाथों हाथ बिका। और इस विशेषांक ने राज कॉमिक्स को भारतीय कॉमिक्स जगत में अग्रणी स्थान दिलाने में बहुत बड़ा योगदान किया।
Credits
- Writer – Sanjay Gupta/Raja
- Art direction – Pratap Mullick
- Art – Chandu
- Calligraphy – Palwalkar
- Editor – Manish Chandra Gupta
Plot
इस कॉमिक्स की कहानी काफी सरल है। राजनगर में एक विशेष समारोह का आयोजन किया जा रहा है जहां पर भारत के सभी सुपर हीरो मौजूद होंगे। नागराज और ध्रुव उस समारोह में पहुंचते उससे पहले ही उनका सामना मिस किलर नामक एक शैतान से होता है जो राजनगर में तेजाबी बारिश करा देती है। नागराज और ध्रुव को रोककर, वह अन्य सभी सुपर हीरो का अपहरण कर के ले जाती है। अन्य सभी सुपर हीरोज को rescue करने में नागराज और ध्रुव को क्या समस्या आती है और मिस किलर का क्या उद्देश्य है इसी की कहानी है यह कॉमिक्स।
Story full of holes
कहानी एक रेस्क्यू मिशन की है। और हर रेस्क्यू मिशन की तरह इस कहानी में पड़ाव दर पड़ाव आते हैं। मिस किलर नागराज और ध्रुव का रास्ता रोकने की कोशिश करती है, लेकिन उसके लगाए सभी अवरोधों को तोड़कर वे दोनों में उस तक पहुंच जाते हैं।
कहानी बेहद मनोरंजक है लेकिन इसमें कुछ ऐसी बातें हैं जो समझ के परे है।
- मिस किलर का उद्देश्य पूरी तरह स्पष्ट नहीं समझ आता है। ठीक उल्टे वह एक मूर्ख विलन साबित होती है। अन्य सुपर हीरोज को पकड़कर कैद रखना अपने आप में उसकी बुद्धि पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। नागराज और ध्रुव को तो नहीं पता था कि अन्य सुपरहीरो जिंदा है या नहीं, वह तो वैसे भी उन्हें बचाने के लिए वहां आते।
- मिस किलर द्वारा नागराज और ध्रुव के रास्ते में अवरोध तो खड़े किए जाते हैं लेकिन अपने हर प्यादे के पिटने पर भी मिस किलर कहीं से भी चिंतित नजर नहीं आती है। यहां तक कि वह अपने सबसे कमजोर प्यादे नाकिडो को सबसे आखरी में इस्तेमाल करती है। कम से कम उसको एक बुलेट प्रूफ हेलमेट ही पहना देती जो नागराज के एक बार में टूट ना जाता।
- कॉमिक्स का सबसे हास्यास्पद हिस्सा है जब ध्रुव firestorm के चंगुल में फंस जाता है. अब या तो ध्रुव की पोशाक के साथ-साथ उसकी खाल और उसके बाल भी एस्बेस्टस के बने हैं, नहीं तो जितनी देर ध्रुव फायरस्टोर्म की आग के घेरे में रहता है, इतने में तो चिकन भुन जाना चाहिए था।
- एक और जगह ध्रुव को लगभग महामानव जैसा दिखाया गया है, जब एक बाइक सवार उसको बाइक के अगले पहिए से टक्कर मारता है। लेकिन ध्रुव को तो खरोच तक नहीं आती है।
- कहानी में कई जगह सुपर कमांडो ध्रुव नागराज के किसी फैन की तरह बर्ताव करता है। विशेषकर तब जब नागराज सूमो फाइट लड़ने जाता है।
Art
कॉमिक्स का आर्ट उस समय के अनुसार काफी उम्दा है। इसलिए आर्ट के बारे में मेरी कोई विशेष टिप्पणी नहीं है।
Final Verdict
नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव निसंदेह एक अच्छी कहानी है। लेकिन नॉस्टैल्जिया का चश्मा उतार कर कर इसे देखा जाए तो इस कहानी में बहुत सारी गलतियां हैं। अगर यह कॉमिक्स आज के जमाने में प्रकाशित होती, तो निसंदेह यह नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव की सबसे कमजोर द्विनायक विशेषांक में से एक पाई जाती है।
Note – इस कहानी में कई किरदार विदेशी कॉमिक्स से कॉपी किये गए है
उस वक्त के काफी कॉमिक ऐसे ही हैं। ऐसे में आपका दोष नहीं है। हाँ, जो किरदार कॉपी हैं उनके विषय में ‘कुछ’ के बजाय उनके नाम लिखे जाते तो बेहतर होता।
I #boycutt this review. Aapne Dhruv ke dwara sareaam kiye gaye murders ka ullekh nahi kiya…aur to aur…ek Kaljayi dialogue bhi hai jo khud par ek 50-100 word ka section deserve karta hai…uska aapne zikra nahi kiya 🤣