Comic/Book Dissection

Maut ka station – Well begun was not well done.

Comments (1)
  1. कॉमिक बुक के साथ ऐसा मैंने भी महसूस किया है। मुझे लगता है पेजों की लिमिट के कारण वो कहानी को डेवलप नहीं कर पाते हैं। फिर संपादन की कमी भी ऐसे कॉमिक बुक्स में झलकती है। ये समझ नहीं आता है कि संपादक आखिर करते क्या था उन दिनों। केवल नाम लिखते थे क्या?? हां थ्रिल हॉरर सस्पेंस की सीरीज को शुरू किया जाना चाहिए।

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