Hello Comic nerds
13 घंटे कॉमिक्स के शुरुआती preview सोशल मीडिया पर आ गए हैं। और यकीन मानिए कॉमिक्स देखने में काफी अच्छी लग रही है। लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल दिमाग में आ रहा है, वह यही है कि आखिर जो कहानी दो दशक से भी अधिक समय पहले खत्म हो गई थी, उसे दोबारा कैसे जीवित किया जा रहा है।
खैर वह जब आएगी तब हम उसकी भी समीक्षा करेंगे लेकिन आज हम करने जा रहे हैं 12 घंटे के अगले भाग लॉकेट (Locket) का dissection.
Plot
लॉकेट (Locket) कहानी है लालकृष्ण द्वारा लिए गए बदले की। कहानी के पहले भाग 12 घंट में लालकृष्ण की बेटी की हत्या कर दी जाती है। उसकी हत्या की जानकारी मिलने के बाद लालकृष्ण कैसे उसके हत्यारों से बदला लेता है इसी की कहानी है लॉकेट।
Story
पहले भाग की ही तरह लॉकेट की कहानी भी एक linear narrative को पकड़ कर चलती है। लेकिन इस बार कहानी में लेखक ने भय पैदा करने के लिए वीभत्स रस का अच्छा प्रयोग किया है। अगर यह सिर्फ बदले की कहानी रह जाती तो काफी रहता लेकिन बीच कहानी में अचानक लेखक एक नए रहस्य को जोड़ देता है। इस रहस्य से पर्दा आखरी पन्नों में खुलता है लेकिन इस sub plot के बिना भी कहानी अच्छी बन सकती थी।
यह सब प्लॉट कहानी में कुछ रोचक नहीं जोड़ता है, बल्कि उसके ठीक विपरीत कहानी के horror elements को dilute कर देता है।
Art
कॉमिक्स का आर्ट एक बार फिर कहानी में जान डालने मे सफल होता है। चित्रकार ने परछाइयों का प्रयोग करके चित्रों में हॉरर का काफी अच्छा presentation किया है। Centre piece splash page एक बार फिर कॉमिक्स का सबसे बेहतरीन आर्टवर्क है लेकिन पहले भाग के splash page जितना लुभावना नहीं लगता है।
Final Verdict
लॉकेट एक अच्छी हॉरर स्टोरी है जो और अच्छी बन सकती थी अगर लेखक अपने linear narrative से भटकते नहीं। फिर भी मुझे यह कहानी अच्छी लगी। उम्मीद है तेरह घंटे में इस कहानी के अंत के साथ कोई अनावश्यक छेड़कानी नही की गई होगी।
लेख से तो कॉमिक बुक रोचक लग रही है। पढ़ने की कोशिश रहेगी।