Hello Comic Nerds
भारतीय कॉमिक्स जगत के फेसबुक ग्रुप में आए दिन कोई न कोई तमाशा होता रहता है और दालमोठ बटती रहती है। और हम सब इस रोज मचने वाली आपाधापी में इतने आनंदित रहते हैं की कॉमिक्स खरीद कर उन्हें पढ़ने का समय तक नहीं निकाल पा रहे हैं। साथ में बड़े होने के वजह से हम सबके मन में दुनिया से कमाई गई नकारात्मकता इस कदर हावी हो गई है कि हम बचपन में जिस जादुई दुनिया में खो जाते थे उसी दुनिया के जादू मैं आजकल हम कमियां ढूंढने लग जाते हैं।
बस इन्हीं विचारों में खोया हुआ था कि मेरे हाथ में लग गई राज कॉमिक्स के स्वर्णिम युग में प्रकाशित एक मल्टीस्टारर विशेषांक जिसका आज मैं करने जा रहा हूं dissection.
Credits
- Writer – Haneef Azhar
- Concept – Vivek Mohan
- Art – Dileep Chaubey
- Inking – R K Sudershan
- Coloring and Calligraphy – Sunil Pandey
- Editor – Gupta brothers
Concept
जादूगर कहानी है एक ऐसे सुपर विलेन की जो जादू के बल पर परमाणु तिरंगा और शक्ति को नाको चने चबवा देता है। जिसके शक्तियों के आगे तीन ब्रह्मांड रक्षक अपनी सम्मिलित शक्ति के बावजूद भी विफल होते हैं, आखिर वह तीनों उससे कैसे दिल्ली की रक्षा करते हैं इसी की कहानी है जादूगर।
Plot
कहानी की शुरुआत होती है इंस्पेक्टर विनय द्वारा एक अपराधी की कार का पीछा करते हुए। विनय के देखते देखते ही वह कार गायब हो जाती है और जल्दी ही हमारा परिचय होता है इस कहानी के मुख्य विलेन प्रिंसिपल से। प्रिंसिपल जो कि अपराधियों को हाथ की सफाई और आंखों को धोखा देना सिखा रहा है। प्रिंसिपल जादू को इस से ज्यादा कुछ नहीं मानता है लेकिन तभी उसे पता चलता है की जादू सच में एक विलक्षण शक्ति है और उसे पाने के बाद वह पूरी दिल्ली में मचा देता है कोहराम।
Story
लेखक हनीफ अजहर कहानी लिखते समय ना जाने क्या सोच कर बैठे थे क्योंकि जादूगर हुडानी से जादू प्राप्त करने के बाद प्रिंसिपल जो करता है वह जादू में तो नहीं गिना जाएगा। हनीफ जी ने तो lord voldemort से autobots का निर्माण करवा दिया है। कहीं तो वह जादू से cyborg का भी निर्माण करवा देते हैं।
जहां एक और कहानी की शुरुआत में जादूगर हुडानी के बयान का जिक्र किया गया है, जिसमें जादू को प्राप्त करने के लिए एक कठिन साधना की जरूरत बताई गई है, वही कहानी के अंत में यह दिखाया गया है कि केवल एक माला पहन लेने से कोई भी Muggle से Wizard बन सकता है।
Art
जितना तो कहानी महान है, उससे कई गुना ज्यादा महानता से भरपूर है दिलीप चौबे जी का चित्रांकन। चौबे जी की चित्रकला में शक्ति बिल्कुल शक्ति ही नजर आती है और जितने अणुओं में परमाणु विखंडन नहीं होता उतनी तो तिरंगा के पेट में abs दिख जाती है।
Final Verdict
जादूगर एक ऐसी कॉमिक्स है जिसे पढ़ने के बाद इंसान तो क्या, हैरी पॉटर का भी जादू से विश्वास उठ जाएगा। जाने क्या सोचकर यह कहानी लिखी गई और जाने क्या सोचकर इस कहानी पर कॉमिक्स बनाने का निर्णय लिया गया। इस कहानी में अगर कुछ अच्छा है तो वह यह है कि इसमें तिरंगा, परमाणु और शक्ति के मुकाबले ज्यादा बेहतर सुपर हीरो के रूप में नजर आता है। कुल मिलाकर यह कॉमिक्स केवल तिरंगा की फैन फिक्शन लिखने वाले लोगों को पसंद आएगी।