फिक्शन कॉमिक्स मेन स्ट्रीम कॉमिक्स पाठकों के लिए अभी भी एक पहेली बनी हुई है। प्रचार प्रसार की कमी कह सकते हैं या पुराने कॉमिक्स पाठकों का राज कॉमिक्स के अलावा कहीं ना देखने का जुनून, चाहे जो भी कारण हो लेकिन इसकी वजह से फिक्शन कॉमिक्स की कॉमिक्स पर चर्चा कमी हो पाती है। तो चलिए नजर घुमाते हैं, और करते हैं dissection प्रथम प्राची श्रृंखला की पहली कड़ी गोंगड़ का
Credits
- Writer – Harendra Tyagi
- Art Direction – Sushant Panda
- Art – Ankita Joshi
- Color effect – Manmeet
- Coloring – Sangeeta Tripathi/Raja Baag/Devjani Panda/Kajal Panda/Rotu Yadav/Sandhya Yadav
- Calligraphy – Harishdas Manikpuri
- Editor- Panda Brothers
Art
कॉमिक्स का आर्टवर्क काफी बेसिक है। किरदारों के चेहरे बिल्कुल सपाट हैं और उनमें किसी प्रकार की प्राकृतिक रेखाएं नहीं दिखती हैं। अनुपम सेना और हेमंत कुमार जी जैसे चित्रकारों की वजह से भारतीय कॉमिक्स पाठकों को जिस प्रकार के आर्ट वर्क की आदत लग चुकी है, उस वजह से इस कॉमिक्स का आर्ट थोड़ा पुराने जमाने का लगता है। कॉमिक्स की कलरिंग भी औसत है और कुछ दृश्यों में sepia टोन का प्रयोग आंखों को अखरता है। लेकिन क्योंकि यह इस कॉमिक्स श्रृंखला का पहला अंक है and as I have always maintained that art is subjective, मैं इस आर्टवर्क को खराब नहीं कहूंगा। यह कह सकता हूं कि यह आर्टवर्क थोड़े अलग स्टाइल का है जिसकी हमें आदत नहीं है। कॉमिक्स के आठ में मुझे कुछ कमियां भी मिली जैसे कि कबीले वासी सभी सोने के गहनों से लदे हुए हैं मगर उनके सरदार और सरदार पुत्र के बदन पर एक भी जेवर नहीं दिखाया गया है। जबकि अगर आप आदिवासी कबीलों की पढ़ाई करेंगे तो यह तथ्य सामने आएगा की आदिवासी कबीलो में पद के अनुसार आभूषण पहने जाते थे।
Story
कॉमिक्स की कहानी एक Cliffhanger से शुरू होती है और उसके बाद हम एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन फ्लैशबैक के माध्यम से इस कहानी को समझते हैं। यह non linear style of story telling काफी अच्छी लगती है। कहानी में एक सस्पेंस है और एक मर्डर मिस्ट्री भी चलती है। इन सब का खुलासा थोड़ा चौंकाने वाला जरूर है लेकिन कहानी की लंबाई इस कॉमिक की सबसे बड़ी कमजोरी है। ऐसा लगता है कि मानो कहानी शुरू होते ही खत्म हो गई। प्रथम और प्राची के किरदारों के बारे में हम इस कहानी के माध्यम से ज्यादा जान नहीं पाते हैं जिसकी वजह से इन्हीं किरदारों की आने वाली कॉमिक्स के लिए उत्सुकता नहीं उत्पन्न होती है। बेहतर होता अगर कहानी में इन दोनों के जीवन को थोड़ा सा एक्सप्लोर करने का प्रयास किया गया होता।
Final Verdict
गोंगड़ हॉरर और जासूसी कहानियों का एक मिक्सचर है जो सही से घुल नहीं पाया है। एक standalone कहानी के रूप में यह एक औसत कहानी लगती है। शेष इस श्रृंखला के अगले भाग का इंतजार रहेगा जो कि नाम से काफी लुभावना लग रहा है।