Hello Cadets
सुपर कमांडो ध्रुव की क्लासिक कहानियां वाकई में क्लासिक है। यह कहानियां सुपर कमांडो ध्रुव के कैडेट्स के दिलों में एक खास जगह रखती है। और मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर यह कहानियां लाजवाब लगती है। लेकिन जब इन कहानियों की समीक्षा करने बैठा तो अपने अंदर के फैन को सुषुप्त अवस्था में भेजना जरूरी हो गया।
खैर, मेरे अंदर का कैडेट अभी सो रहा है और मैं करने जा रहा हूं सुपर कमांडो ध्रुव की क्लासिक कॉमिक्स बर्फ की चिता का dissection।
Credits
- Writer and Art – Anupam Sinha
- Editor – Gupta ji
Plot
बर्फ की चिता कहानी है हिमालय में अचानक होने वाली एक आपदा की। जब हिमालय में बना एक डैम अचानक पानी की मात्रा बढ़ने से टूट जाता है तो उसकी जांच पड़ताल के लिए भेजा जाता है सुपर कमांडो ध्रुव को। सुपर कमांडो ध्रुव को हिमालय की पहाड़ियों में उस डैम को टूटने की क्या वजह मिलती है और किन खतरों से उसका सामना होता है, इसी की कहानी बर्फ की चिता में कही गई है।
Art
कहानी में चिर परिचित अनुपम सर का आर्ट वर्क है। उस जमाने में अनुपम सर जिस प्रकार का आर्ट बनाते थे वह वाकई में काबिले तारीफ है। पहाड़ियों के बीच में बनाए गए एक्शन के दृश्य उनकी कला का एक उम्दा नमूना है। आज भी सुपर कमांडो ध्रुव के क्लासिक कॉमिक्स का आर्ट आंखों को एक सुकून देता है।
हालांकि कुछ ऐसी भी बातें हैं जो अनुपम सर के आर्ट को थोड़ा अटपटा बनाती है। मसलन तकरीबन हर किरदार के six pack abs होते हैं। जैसे कि इस कहानी में जिंगालू के पिता यतीराज के सिक्स पैक दिखाए गए है, जबकि यति के पूरे शरीर पर बाल इतने घने होंगे, कि अगर उसने सिक्स पैक बना भी लिया तो वह दिखाई नहीं देना चाहिए।
Story
अब बात करते हैं कहानी। कहानी एक linear narrative पर चलती है। बांध टूटने के पीछे का रहस्य काफी अच्छे तरीके से गढ़ा गया है। ध्रुव द्वारा रहस्य का पर्दाफाश करने के लिए तहकीकात करना, उसका सामना जिंगालू से होना, और फिर उसके सामने यतियो के अस्तित्व का उजागर होना, कहानी के यह सारे भाग एक दूसरे से एक कड़ी में पिरोए हुए लगातार पाठक को बांधे रखते हैं।
यह पूरी कहानी बेहद लाजवाब रूप में अंत की तरफ बढ़ती है, लेकिन अंत में लेखक ने एक ऐसी गलती करी है जिसे आज तक कोई भी देख नहीं पाया। एक ऐसी गलती जो एक क्लासिक कॉमिक्स और सुपर कमांडो ध्रुव की छवि को बर्बाद करती है।
Base of blunder
कहानी के अंत में सुपर कमांडो ध्रुव चीनी सैनिकों के अड्डे पर कैद है। जिंगालू वहां पहुंचता है, और अपने पिता यतिराज से भिड़ जाता है। उन दोनों के टकराव से रिएक्टर टूट जाता है, और पहाड़ी बर्फ पिघल कर बहुत तेजी से नदी के रूप में बहने लगती है। ध्रुव, जिंगालू और यतिराज रिएक्टर वाले अड्डे से बाहर आते हैं। और बस यही पर लेखक बहुत बड़ी गलती कर जाता है।
Set up for disaster
एक तरफ पहाड़ से बहुत तेजी से पानी नीचे आ रहा है। पृष्ठ 29 पर जिंगालू बोलता भी है कि इस धमाके से जो बर्फ पिघलेगी, वह पानी पूरे उत्तरी क्षेत्र में विनाश की लहर बन जाएगा। समस्या यह भी है कि इतनी जल्दी ध्रुव और यति रिएक्टर में होने वाले धमाके की परिधि से बाहर नहीं निकल सकते हैं। तो ऐसे में ध्रुव को आईडीया आता है और वह बाकी दोनों के साथ, उसी पहाड़ी नदी में कूदकर बच निकलता है।
Shameful Superhero
चलो भाई आप तो बच निकले लेकिन जो रिएक्टर फटने के बाद बाढ़ आएगी उसे रोकने का आपने कोई प्रयास ही नहीं किया। मतलब आपकी जान बच गई, बाकी पहाड़ी के नीचे जो शहर है गांव है वह डूब भी जाएं तो क्या फर्क पड़ता है। मतलब हमारा कप्तान इतना स्वार्थी है। एक सुरक्षित दूरी पर पहुंचकर हमारे सुपर कमांडो ध्रुव किसी दार्शनिक की तरह रिएक्टर को फटते हुए देखते हैं जबकि उनके सामने ही पहाड़ी नदी सैलाब बनकर उतर रही है।
Final Verdict
सच कहूं तो एक सुपर हीरो से ऐसी कायरता की उम्मीद नहीं की जाती है। बस सिर्फ ऐसा क्लाइमैक्स होने की वजह से कहानी बेहतरीन से बर्बाद हो जाती है। इस कॉमिक्स का नाम बर्फ की चिता नहीं, बल्कि बाढ़ की चिता होना चाहिए था, क्योंकि हमारे सुपर हीरो ने अपनी जान बचाकर अनगिनत लोगों को बाढ़ में डूबने के लिए छोड़ दिया है। यह कॉमिक्स ध्रुव की बेहतरीन कॉमिक्स में से एक कही जाती है, लेकिन जाने अनजाने में ही सही यह कॉमिक्स अपनी इस गलती की वजह से यादगार बन गई है।