Hello Comic Nerds
रक्त कथा श्रृंखला के पहले भाग कचरा पेटी के बाद मेरी सोनू में कहानी की गति बहुत अधिक धीमी पड़ गई थी। इस वजह से वाह कॉमिक्स मुझे बहुत खास पसंद नहीं आई थी। मुझे उम्मीद थी की बलिदान तुम्हारा एक बार फिर कहानी को गति देगी लेकिन जब फेसबुक पर मैंने लोगों की सूक्ष्म समीक्षाएं पढ़ी तो मैं काफी हतोत्साहित हो गया। अधिकतर लोगों का कहना था की बलिदान तुम्हारा (Balidan Tumhara) में कहानी बिल्कुल ठहर गई है। क्या वाकई ऐसा है या एक बार फिर रक्त कथा श्रृंखला भेड़चाल समीक्षा का शिकार बन गई है? आइए करते हैं बलिदान तुम्हारा का dissection.
Credits
- Writer – Sanjay Gupta/Vivek Mohan
- Art – Dildeep Singh
- Inking – Jagdish Kumar
- Coloring – Basant Panda
- Lettering – Mandar Gangele
- Editor – Sanjay Gupta
Art
दिलदीप सिंह जी के आर्ट वर्क की जितनी तारीफ की जाए कम है। पहली नजर में यकीन नहीं होता है कि यह चित्रांकन उसी शख्स ने किया है जिसने फेनिल कॉमिक्स की फौलाद में चित्र बनाए थे। चाहे वह सूरज के कुत्तों के साथ खेलते हुए भावनात्मक दृश्य हो या फिर हलकान सिंह के डाकूओं और कुत्तों के बीच में लड़े गये वीभत्स युद्ध के रक्त रंजित panels. जितना अच्छा आर्ट वर्क दिलदीप जी का है, उतनी ही खूबसूरत इकिंग और कलरिंग जगदीश कुमार जी और बसंत पंडा भाई ने की है। वाकई में इस श्रृंखला का आर्ट वर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर का है।
Story
रक्त कथा श्रृंखला की कहानी बहुत कम लोगों को पसंद आती है। अधिकतर लोग यह कहकर बुराई करते हैं कि कहानी में कोई नयापन नहीं है और कहानी पुराने समय में अटकी हुई सी लगती है। मैं इस बात से आंशिक रूप से सहमति रखता हूं। यह सच है कि इस कहानी में कोई नयापन नहीं है, लेकिन इस कहानी का महत्व डोगा की उत्पत्ति को और विस्तार रूप से समझाने का है। रक्त कथा श्रृंखला डोगा के व्यक्तित्व के उन पहलुओं पर और गहराई से प्रकाश डालती हैं जिनके बारे में हमें पता तो था लेकिन पूरी तरह से समझ में नहीं आता था। डोगा का हिंसा से जुड़ाव और कुत्तों से लगाव, इस कहानी के माध्यम से और स्पष्ट रूप से समझ में आता है। बलिदान तुम्हारा में जिस खूंखार रूप से कुत्ते सूरज की जान बचाने के लिए लड़ते हैं और अपनी जान का बलिदान देते हैं, वह डोगा उत्पत्ति का एक बेहद भावनात्मक अध्याय है। इस अंक में कहानी कहीं भी ठहरती हुई नहीं नजर आती है बल्कि ठीक उलट कहानी काफी तेजी से आगे बढ़ती है।
Final Verdict
रक्त कथा श्रृंखला का यह तीसरा अध्याय इस श्रृंखला के समापन की ओर एक दौड़ लगाता हुआ महसूस होता है। इस अध्याय के आगे की कहानी से हम सब भली भांति परिचित हैं। उम्मीद है कि इसके बाद लेखक कहानी को खींचने की कोशिश ना करते हुए कहानी को समाप्त करेंगे, और अगले भाग में उस मासूम बच्चे के हाथों से वह कांच का टुकड़ा निकलवा कर ही मानेंगे।