एक कॉमिक्स समीक्षक होना जटिल कार्य होता है। आप किसी कॉमिक्स की बुराई करते हैं तो उसे पसंद करने वाले आपके विचारों पर उद्वेलित हो जाते हैं। आप किसी कॉमिक्स की तारीफ करते हैं तो उसे पसंद नहीं करने वाले आपकी समीक्षा का उपहास बनाने लगते हैं। लेकिन अगर उनके विचारों से अपनी समीक्षा को प्रभावित होने देते हैं तो फिर आपका समीक्षक होना बेमतलब है। शायद Aranyak Parv की समीक्षा करने पर मुझे ऐसे ही तत्वों का पुनः सामना करना पड़ सकता है परंतु इस कॉमिक्स के लिए मैं एक ही शब्द कहना चाहूंगा। Mind blown!!!!
Credits
- Writer – Nitin Mishra
- Art – Hemant Kumar
- Inking – Vinod Kumar, Jagdish Kumar
- Coloring – Bhakt Ranjan, Sunil Dasturiya
- Lettering – Gangele brothers
- Editor – Sanjay Gupta
Art and Story
नाग ग्रंथ श्रृंखला चित्रांकन के मामले में हर अंक के साथ एक नया पैमाना तय करती जा रही है। आरण्यक पर्व का चित्रांकन उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाता है। चित्र जो इतनी खूबसूरत है कि मानो किसी भी पल सजीव हो जाएंगे। रंग जो इतने गहरे हैं की आंखों में सुकून बनकर ठहर जाते हैं। चाहे भावनात्मक दृश्य हो या युद्ध की वीभत्सता, इस कॉमिक्स के चित्र आपको किसी जादुई पास की तरह बांध लेते हैं।
और उन्हीं चित्रों के साथ आगे बढ़ती जाती है एक महागाथा। लेखनी जो हर किरदार के साथ इंसाफ करती है। कहानी जो समुद्र की लहरों की तरह तमाम उतार-चढ़ाव लेते हुए आपको एक ऐसे मुकाम पर ला छोड़ती है जहां आपका मन सिर्फ एक ही दरख्वास्त करता है। मुझे अभी और बहना है।
आरण्यक पर्व में जिस प्रकार ड्रैकुला की उत्पत्ति को रचा गया है वह काबिले तारीफ है। भेड़िया के किरदार को जो गहराई दी गई है और ड्रैकुला और भेड़िया की दुश्मनी में जिस प्रकार वैंपायर और वेयरवुल्फ की प्रचलित कहानियों का मिश्रण किया गया है वह बेहद अच्छा बना है। लेकिन जो इस कहानी की सबसे मजबूत कड़ी है वह है नागराज और तौसी के पूर्व जन्म की कहानी। जिस तरह तौसी को एक दुर्दांत डाकू के रूप में प्रस्तुत किया गया है वह आश्चर्यचकित कर देता है। And then there is the final reveal. Parmanu!!!!
Final Verdict
आरण्यक पर्व एक बार फिर यह स्थापित करती है की मौजूदा दौर में या यूं कहे कि किसी भी दौर में भारतीय कॉमिक्स जगत के पटल पर नितिन मिश्रा जैसा लेखक शायद ही कोई आया है। नाग ग्रंथ एक ऐसी कॉमिक्स श्रृंखला बनती जा रही है, जो शायद जब अंत होगी तो पाठकों को इस बात का दुख होगा यह कहानी क्यों खत्म हुई।