Come my bhediya fauz.. I mean comic nerds
क्या आपने गॉडजिला वर्सेस कोंग मूवी देखी है? उस मूवी की Main USP दो राक्षसों के बीच होने वाला महायुद्ध था। Whenever two monsters collide, it is to establish their hegemony or Adhipatya.
हमेशा से ही लोगों को दो महाशक्तियों के बीच में होने वाला युद्ध आकर्षक लगता आया है। किसी दिन फुर्सत मिली तो इस पसंद का psychological analysis करना चाहूंगा।
और जब भी यह काम करने बैठूंगा, तो भेड़िया की शुद्धिकरण श्रृंखला के दूसरे अध्याय अधिपत्य (Adhipatya) का जिक्र जरूर आएगा।
For Dissection of part 1 Doshpurna Click here
और उस analysis मैं काम आएगा अधिपत्य का यह dissection.
Credits
- Writer – Anurag Singh
- Concept – Vivek Mohan/Sanjay Gupta
- Art – Naresh Kumar
- Coloring – Pradeep Sherawat
- Lettering – Nishant Parashar
- Designing – Mandar Gangele/Gaurav Gangele
- Editor- Sanjay Gupta
Plot
अधिपत्य (Adhipatya) मूलत: भेड़वा की कहानी है। यह कहानी है एक रहस्यमय शक्तिशाली राक्षसी जीव की जो ना जाने कहां से असम के जंगलों में आया है, और जिसने आते ही भेड़िया की सल्तनत की जड़े हिलानी शुरू कर दी है। यह कहानी है भेड़िया द्वारा अपने अतीत से जुड़े कुछ प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की। और यह कहानी है एक रहस्यमय संसार की जो जल्दी ही असम के जंगलों में एक भूचाल लाने वाला है।
Art
दोषपूर्ण के मुकाबले अधिपत्य में चित्रांकन काफी बेहतर है। पहले भाग में जो भेड़िया का चित्रांकन थोड़ा अजीब और हास्यास्पद लग रहा था, वह धीरे-धीरे इस कॉमिक्स में जचने लगा है। कॉमिक्स का आखरी पृष्ठ इस अध्याय का सबसे खूबसूरत पृष्ठ बना है। एक्शन फ्रेम्स बेहद लुभावने लगते हैं और कॉमिक्स की कलरिंग एक प्रीमियम फील देती है। निसंदेह इस कॉमिक्स में आर्ट टीम ने काफी मेहनत करी है।
Story
अधिपत्य की कहानी में भेड़िया के जन्म से जुड़े कुछ सवालों को कुरेदा गया है। लेकिन इन प्रश्नों का उत्तर आगे के अध्याय के लिए छोड़ दिया है जिससे कि आने वाले भाग के लिए उत्सुकता बनी रहती है।
भेड़िया हालांकि एक हिंसक किरदार है, लेकिन उसके भावनात्मक पहलुओं को इस कहानी में काफी अच्छी तरीके से टटोला गया है।
कहानी के अंत में अनाम किरदारों को प्रस्तुत कर के लेखक ने कहानी को एक रोचक मोड़ पर छोड़ दिया है।
यह सारे पहलू काफी अच्छे हैं लेकिन इस कहानी को अगर 2 शब्दों में बयान किया जाए तो वह होगा Monster Battle.
कॉमिक्स के पहले 18 से 20 पन्ने dream monster battles से भरे हुए हैं। एलफांटो, दौदंड, तनतना इत्यादि ऐतिहासिक किरदारों का लेखक ने बहुत कम फ्रेम्स में बेहद खूबसूरत इस्तेमाल किया है।
भेड़वा का किरदार शुरू से अंत तक रहस्यमई बना रहता है, और यह समझना मुश्किल है कि वह अच्छा है या बुरा।
इसके अलावा दोषपूर्ण के अंत में जिस महिला किरदार काया से हमारा परिचय करवाया गया था, उसके रहस्य को भी और गहराई दी गई है।
The only missing piece of the puzzle
कॉमिक्स अगर कोई negative पहलू है तो वह है अवधूत की अनुपस्थिति। जब जंगल में हर तरफ इतनी अफरा-तफरी मची हुई दिखाई गई है, तब अवधूत का ना आना थोड़ा अटपटा लगता है। उम्मीद है लेखकों ने उस किरदार को दोबारा समाधि में नहीं भेज दिया होगा।
Final Verdict
जैसा कि मैं दोषपूर्ण के dissection मैं बता चुका हूं कि मुझे भेड़िया किरदार कुछ खास पसंद नहीं रहा है। लेकिन अमर प्रेम श्रृंखला से जो मेरी उत्सुकता इस किरदार में बनी थी, उसे लेखक अनुराग सिंह ने और अधिक बढ़ा दिया है।
रणभेरी का इंतजार रहेगा।
कॉमिक बुक के प्रति उत्सुकता जगाती समीक्षा। इस शृंखला को पढ़ने की कोशिश रहेगी।
Rajat mere jane man 55 ka pyar bhul mat jana re
Rajat bhai kidhar se aa gaye?