Hello Comic Nerds
कालचक्र, कुंडली, एलान-ए-जंग, काली मौत, और नागराज अमेरिका में का विषपान करने के बाद हम आ पहुंचे हैं इस श्रृंखला के अंतिम पड़ाव पर जहां पर काल का चक्र घूम कर फिर वहीं आ पहुंचा है जहां से नागराज का यह सफर शुरू हुआ था। और वह पड़ाव है आतंकवाद।
जी हां आप पढ़ रहे हैं dissection और आज कसौटी पर कसी जा रही है कालचक्र श्रृंखला की आखिरी कड़ी जिसका शीर्षक है आतंकवादी नागराज (Aatankwadi Nagraj).
Credits
- Writer – Jolly Sinha
- Art – Anupam Sinha
- Inking – Vinod Kumar
- Coloring – Sunil Pandey
- Editor – Gupta ji
Art
पूरी श्रृंखला में आर्ट वर्क में कोई ना कोई कमी मिलती ही रही लेकिन इस कॉमिक्स में आर्ट वर्क में कोई बहुत बड़ी गलती देखने को नहीं मिलती है। एक्शन दृश्य हमेशा की भांति अच्छे बने हैं। Overall this comics has the best artwork in this whole series.
Story
जहां तक बात करें कहानी की तो कहानी में नागराज आतंकवाद के रास्ते पर निकल चुका है। कहानी की शुरुआत में नागू और नागराज का द्वंद कहानी की गति को सेट करता है। नागु और सौडांगी के परास्त होने के बाद कहानी में रोचकता बढ़ जाती है क्योंकि नागराज को कौन रोकेगा यह अपने आप में एक प्रश्न है। शिकांगी नेवले का अचानक से आ जाना और नागराज के हाथों परास्त होना इस प्रश्न को और भी ज्वलंत बना देता है।
अंत में नागराज को रोकने के लिए परमाणु, डोगा और इंस्पेक्टर स्टील आते हैं जिससे कहानी में एक उत्साह पैदा होता है। लेकिन इसके बाद कहानी एक्सप्रेस पटरी से उतर जाती है।
यहां से कहानी में बहुत सारी समस्याएं हैं। सबसे पहले तो ब्रह्मांड रक्षकों की एंट्री पर परमाणु द्वारा बोले गए व्यंगात्मक डायलॉग्स situation के हिसाब से बहुत अटपटे लगते हैं। मतलब आपके सामने नागराज आतंकवादी के रूप में खड़ा है और न्यूक्लियर प्लांट उड़ाने जा रहा है, लेकिन आपका स्टील और डोगा पर कटाक्ष करने का मन हो रहा है।
इसके बाद नागराज द्वारा तीनों सुपर हीरो को खासकर परमाणु को हरा देना पचता नहीं है। परमाणु इससे पूर्व नागराज को सूरमा में बहुत कड़ी टक्कर दे चुका है। उसका यहां पर मिनटों में हार जाना परमाणु के किरदार की मृत्यु के समान है।
कहानी के अंत में बाबा गोरखनाथ की वापसी होती है और बे पटरी हुई यह कहानी जहां थोड़ा सा पटरी पर आने की कोशिश करती है तभी हमें इस कहानी के मुख्य विलेन की असली पहचान पता चलती है। और वहीं पर कहानी पूरी तरह से निरस हो जाती है।
हर कहानी के अंत में मुख्य विलन नागपाशा ही क्यों निकलता है? और उससे भी बड़ा सवाल यह है की नागपाशा ने रातो रात कैसे इतना बड़ा आतंकवाद का साम्राज्य खड़ा कर लिया? क्या ग्रैंडमास्टर रोबो और सुप्रीमा रिटायरमेंट ले चुके थे?
पूरी श्रृंखला में यह सस्पेंस बना हुआ था कि मुख्य विलेन कौन है, लेकिन अंत में उस सस्पेंस के खुलने पर आश्चर्य नहीं बल्कि गुस्सा आता है।
विश्व रक्षक नागराज की लोकप्रियता के पतन का सबसे बड़ा कारण लेखकों द्वारा हर दूसरी कहानी में नागपाशा को विलेन बना देना ही रहा है।
Final Verdict
इस प्रकार 6 अंको में यह बेहद नीरस कहानी समाप्त होती है और नागराज के stock को और devalue कर जाती है। कुल मिलाकर यह श्रृंखला नागराज की सबसे खराब श्रृंखला में से एक है। इस पूरी श्रृंखला को लगातार बैठकर पढ़ना असंभव है क्योंकि आपको नींद अवश्य आएगी। अगर आप कलेक्शन पूरा करना चाहते हैं तो ही यह श्रृंखला लीजिए नहीं तो इसको skip कर देना ही बेहतर रहेगा।
हम्म…नागराज मुझे इतना पसंद नहीं आता है। यह शृंखला भी ऐसे ही लग रही है।