Comic/Book Dissection

Controversy (आबुरा के तिलिस्म) – A non issue

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Comments (5)
  1. Anurag Kumar Singh says:

    बहुत अच्छा आर्टिकल है। आपके एक एक वर्ड से सहमत हूँ।

  2. Neeraj K says:

    Homage वाली बात एकदम सत्य है जो पाठको को पुराने वक़्त में ले जाने का प्रयास है बाकि उन विक्रेता के पास अभी कोई भी लेटेस्ट राज कॉमिक्स भी नही आ रही, उनके पसंदीदा प्रकाशन की भी नही। उसके ऊपर यह मॉडरेटर बनाने वाली बात जो कितना clear दिखाती है कि RCSG के खिलाफ गुट बनाकर ये किसी भी हद तक जा सकते हैं।

  3. Abhishek Mishra says:

    Ek ek word ekdam 100% sahi likha hai aapne…. great article

  4. Jitesh Talwani says:

    जब लोग कॉमिक्स खरीद नहीं पा रहे हों, तो ऐसे मुद्दों से लोगों का मन लगा रहता है और वो भी बिल्कुल मुफ्त में, इसलिए ऐसे मुद्दे उछलते हैं।

  5. Sandeep says:

    Jo bhi likhe hain accha hi likhe hain

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