वैसे तो मेरा पूरा बचपन राज कॉमिक्स के universe में ही भटकते हुए ही बीता किन्तु बीच बीच में मैं मनोज, तुलसी और डायमंड कॉमिक्स का रसपान भी कर ही लेता था। समय के साथ इसमें से बहुत से पब्लिकेशन विलुप्त हो गए और केवल राज कॉमिक्स ही जीवनसाथी बन के रह गयी। फिर आया कोरोना का भयावह काल। एक डॉक्टर होने के नाते, निरंतर भय और निराशा से लड़ाई लड़नी पड़ी। ऐसे में सुकून की तलाश में मैं फिर एक बार कॉमिक्स की दुनिया मे लौट आया और आते ही मेरा परिचय हुआ कॉमिक्स के एक नए संसार से। इस नए संसार मे बहुत से मित्र मिले और उन्ही में से सबसे युवा मित्र है स्वयंभू कॉमिक्स।
स्वयंभू कॉमिक्स भारतीय कॉमिक्स का सबसे नया कॉमिक्स पब्लिकेशन है और किसी भी नए publisher को कॉमिक्स readers के मन मे impact डालने के लिए अपने पहले अंक पर बहुत ध्यान देना होता है। अगर आपका पहला कॉमिक्स ही flop हो जाये तो आपकी कॉमिक्स डैंकिया नामक प्रजाति का भोजन बन जाती है। स्वयंभू कॉमिक्स अपनी पहली कॉमिक्स “Incognito – अंधेरे का भगवान” के साथ वो impact create करती है जिसके कारण casual readers भी आज इनके अगले अंक का इंतज़ार कर रहे है।
So let’s open up the comics for our dissection.
1. कथानक – incognito की स्टोरी बहुत शार्ट लेकिन binding है। कहानी एक फ्रेम से दूसरे फ्रेम में seamlessly जाती है। सस्पेंस buildup अच्छा है और आखिरी फ्रेम तक readers को बांधे रखता है। सुदीप मेनन ने कोरोना काल मे लगातार बेहद अच्छी कहानिया दी है। Incognito उनके जलवे को बरकरार रखने में सफल हुई है।
2. आर्ट/कलरिंग/इंकिंग – कॉमिक्स का आर्ट अच्छा है। मार्टिना डी लुजियो का आर्ट भारतीय कॉमिक्स में परंपरागत आर्ट से काफी हट के है जो इसे एक फ्रेश लुक देता है। कलर स्कीम लीड करैक्टर और title को ध्यान में रख के डार्क रखी गयी है। डार्क कलर्स का use कॉमिक्स को अच्छा फील देता है। International फॉरमेट में निकाली गई कॉमिक्स कुछ लोगो को pricey लग सकती है किंतु looking at the quality of the product, ये बिल्कुल वाजिब दाम पर है।
3. USP – कॉमिक्स का सबसे बड़ा impact point कॉमिक्स के penultimate पेज का लास्ट फ्रेम है। बिना स्टोरी खराब किये, इतना ही कहूंगा कि सुदीप मेनन ने future में सिर्फ एक फ्रेम से invest किया है और वो investment mature होने का इंतज़ार इस कॉमिक्स को पढ़ने वाला हर व्यक्ति करेगा।
My Verdict : 8/10
Incognito is a step up for Indian comics industry और आशा है कि सुदीप मेनन की कलम से हमे और ऐसी ही बेहतरीन कहानिया पढ़ने को मिलती रहेगी।
रोचक समीक्षा… कॉमिक बुक पढ़ने की उत्सुकता जगाती है…