तुलसी कॉमिक्स एक अजूबा है। इस प्रकाशन के 3 सर्वाधिक लोकप्रिय किरदार है अंगारा जम्बू और तौसी। यह तीनों किरदार क्यों प्रसिद्ध है यह मुझे बचपन में कभी समझ नहीं आया। इनकी ज्यादा कॉमिक्स नहीं पढ़ी थी इसलिए कुछ हद तक दोष अपने सीमित exposure को भी दूंगा।
फिलहाल कई दशकों बाद लॉकडाउन के दौरान, इंटरनेट पर सर्फिंग करते वक्त मुझे कॉमिक्स इंडिया नाम की वेबसाइट का पता चला। देखने पर यह पता चला कि यह कंपनी तुलसी कॉमिक्स के रीप्रिंट्स बाजार में ला रही है। बचपन और जवानी के बीच में आर्थिक स्थिति में काफी अंतर आ गया था इसलिए हमने निर्णय लिया की क्यों ना तुलसी कॉमिक्स के संसार में विचरण किया जाए।
अब जम्बू के बारे में मेरे विचार तो आप पहले पढ़ ही चुके हैं। तो आज बात करते हैं Parshuram Sharma जी के द्वारा रचित, कॉमिक्स पाठकों की नजर में एक अत्यंत महान किरदार अंगारा की।
आज की समीक्षा अंगारा के प्रथम 3 कॉमिक्स के आधार पर कर रहा हूं जिनके शीर्षक हैं
1. अंगारा
2. अंगारा की जंग
3. अंगारा का आतंक
तो चलिए करते हैं इस तथाकथित महानायक का dissection.
1. कथानक
कॉमिक्स की दुनिया में सुपर हीरो हो या सुपर विलन उनकी उत्पत्ति अर्थात origin हमेशा से ही एक नोवेल्टीज फैक्टर रहा है। उदाहरण के लिए नागराज का origin भारतीय कॉमिक्स में आज तक रखे गए किसी भी सुपर हीरो के ओरिजिन में सबसे ज्यादा डीटेल्स से भरा है। एक अच्छी ओरिजिन स्टोरी हमेशा ही पसंद की जाती है।
और एक अच्छी ओरिजन स्टोरी लिखने के लिए बहुत गहराई तक सोचना पड़ता है।
लेकिन अंगारा की ओरिजिन स्टोरी लिखते समय शायद सोचना बिल्कुल बंद कर दिया गया था। गोरिल्ला का शरीर, गिद्ध की आंखें, शेर का दिल, हाथी के गुर्दे, गेंडे की स्किन इत्यादि जोड़ के डॉ कुणाल अंगारा की उत्पत्ति करते हैं। पहले तो मुझे यह समझ नहीं आया की हाथी के गुर्दे ऐसी कौन सी शक्ति देंगे जो अंगारा को महाशक्तिशाली बना दे। दूसरा यहां इतनी बड़ी complicated surgery एक अनजान द्वीप के चट्टानों पर कर दी जाती है। मैं मानता हूं कि कॉमिक्स फिक्शन है, और सुपर हीरो की कहानी में suspension of disbelief आम है किंतु यहां कहानी बिल्कुल उस स्तर पर चली गई है जिस स्तर पर तो कोई गांजा फूंक कर भी नहीं सोच सकता।
अगर कहानी की बात करें तो कहानी अपने में अत्यंत हास्यास्पद है। लेखक के ऊपर वामपंथ का गहरा असर देखा जा सकता है जिसकी वजह से कहानी में अमेरिका को शत्रु देश के रूप में दिखाया गया है। खैर किसी की व्यक्तिगत एवं राजनीतिक आउटलुक पर टिप्पणी करना मेरा एजेंडा नहीं है।
कहानी बहुत सरल है और अंगारा को एक सुपर हीरो के रूप में दिखाने के लिए लिखी गई है जो अकेले अपने दम पर अमेरिका जैसी महाशक्ति को घुटने टेकने को मजबूर कर देता है।
2. चित्रांकन
अंगारा की कॉमिक्स अगर कुछ पसंद करने लायक है तो वह है प्रदीप साठे जी का चित्रांकन। उस समय के अनुसार उनका आर्ट बहुत ही अच्छा है हालांकि आज की पीढ़ी को वह बहुत सरल लगेगा किंतु इसी सरल आर्ट में उनके काम की खूबसूरती नजर आती है। अगर इसकी तुलना आप जम्बू कॉमिक्स के आर्ट से करें, तो आपको यह एहसास होगा किस साठे जी की कला क्यों पसंद की जाती है।
कुल मिलाकर मुझे यह एहसास हो गया कि मैं बचपन में काफी समझदार था जो मैं तुलसी कॉमिक्स के लिए अपने गुल्लक नहीं फोड़ता था। अब मैं तुलसी कॉमिक्स के रिप्रिंट्स पर रिप्रिंटस खरीद रहा हूं। पैसा आने से ज्ञान नहीं आता।
My Verdict – 4/10
Lehkahk ne itna ganja maara hua tha ki. Agar woh yeh bhi likh deta saath mai.
गोरिल्ला का शरीर, गिद्ध की आंखें, शेर का दिल, हाथी के गुर्दे, गेंडे की स्किन aur"Kuttey ka Lund"
Toh koi ashcharya nahi hota.