पिछले कुछ समय से कॉमिक्स पढ़ने में इतना मशगूल हो रखा था की यह याद ही नहीं रहा कि अपने पास एक वेबसाइट भी है। कल रात सपने में वेबसाइट ने आकर धमकाया तो इसलिए आज डाईसेक्शन करने का मन बना लिया।
अब सवाल यह था कि इतनी कॉमिक्स में से अपनी इस लत की दोबारा शुरुआत किससे की जाए और बहुत बार सोचने के पश्चात मैंने उठा ली फ्लाई ड्रीम्स कॉमिक्स की पेशकश बाली (Bali)
Credits
- Writer – Devendra Pandey
- Art – Shahnawaz Khan
- Lettering – Nishant Parashar
- Editor – Anurag Singh, Mithilesh Gupta.
Art
सर्वप्रथम तो मैं शाहनवाज खान भाई से क्षमा मांगना चाहूंगा क्योंकि काफी समय से मैं यह मानकर चल रहा था कि वह कॉमिक्स में आर्ट वर्क के लिए AI का इस्तेमाल करते हैं। किंतु कुछ सप्ताह पूर्व कॉमिक्स ग्रुप के माध्यम से मेरी यह गलतफहमी दूर हो गई। मैंने बाली कॉमिक्स के लिए उनके द्वारा बनाया गया एक आर्ट देखा जो वाकई में लाजवाब बना था। यह कहना गलत नहीं होगा कि शाहनवाज भाई के पास कला का बेहतरीन हुनर है, किंतु मुझे उनसे यह शिकायत भी है कि कहीं ना कहीं कलरिंग के मामले में वह अपनी आर्ट के साथ अन्याय कर रहे हैं।
एकाध पैनल को छोड़कर लगभग पूरी कॉमिक्स में अत्यधिक dark coloring scheme का इस्तेमाल हुआ है। अंडरग्राउंड फाइट क्लब जैसे दृश्यों में यह कलरिंग प्रभावी लगती है लेकिन कॉमिक्स के दूसरे हिस्से में आग वाले प्रसंग से पहले नगर के चित्र भी इस कलरिंग की वजह से बहुत दबे हुए नजर आते हैं।
यह समस्या लावा और 11.59 में भी थी। उम्मीद है आने वाले अंकों में हमें उनकी कलरिंग में और भी वैरायटी देखने को मिलेगी जिससे कि हम उनके चित्र की क्वालिटी को और सफाई से देख पाएंगे।
Story
बाली देवेंद्र पांडेय द्वारा लिखित उपन्यास का कॉमिक्स रूपांतर है। क्योंकि मैंने मूल उपन्यास नहीं पड़ा है इसलिए मेरा यह कहना उचित नहीं होगा कि उपन्यास से कॉमिक्स तक लाने में क्या कहानी के साथ न्याय हुआ है या नहीं। जहां तक कॉमिक्स की बात है तो इस कॉमिक्स में कहानी के दो काल खंडों से हमारा परिचय कराया गया है। कॉमिक्स के पहले भाग के माध्यम से हमारी मुलाकात मुख्य किरदार से होती है और हमें उसके रौद्र रूप के दर्शन मिलते हैं।
वही कॉमिक्स के दूसरे भाग में हमारी मुलाकात उस प्रसंग से होती है जिसने बाली की उत्पत्ति की आधारशिला रखी। दोनों ही प्रसंग अपने आप में पूर्ण हैं और कहानी मनोरंजन के मामले पर खरी उतरती है। जिन्होंने उपन्यास नहीं पढ़ा हो उन्हें भी इस कॉमिक्स को पढ़ने में कोई समस्या नहीं आएगी।
हालांकि कहानी में एक्शन भरपूर है और साथ ही साथ दूसरे भाग में कुछ भावनात्मक पहलू भी दिखाए गए हैं लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी कहानी का मुख्य किरदार थोड़ा सतही लगता है। पहले भाग की लंबाई को थोड़ा बड़ा कर किरदार को और एक्सप्लोर करते हुए पाठकों के सामने लाना और बेहतर रहता।
Final Verdict
फ्लाइड्रीम्स एक नए प्रकाशक है और इसलिए उनसे 100 फ़ीसदी परफेक्ट कार्य की उम्मीद करना बेमानी होगा। अगर आप नए प्रकाशकों को सहयोग देते हुए नए लेखकों का भी उत्साहवर्धन करना चाहते हैं तो या कॉमिक्स आपको अवश्य लेनी चाहिए। बाली उपन्यास क्षेत्र में एक काफी प्रसिद्ध उपन्यास है और उम्मीद है कि आने वाले अंकों में हमें इसकी पेशकश में और भी बेहतर कार्य देखने को मिलेगा।