जब डोगा की रक्त कथा श्रृंखला का शुभारंभ कचरा पेटी नामक कॉमिक से हुआ था तो काफी लोगों ने इस श्रृंखला की बुराई करते हुए यह कहा था, कि यह कहानी आज के परिवेश में फिट नहीं बैठती है। उस वक्त मेरे द्वारा कचरा पेटी कॉमिक्स की तारीफ करने पर काफी लोगों ने जमकर मीमबाजी करी थी लेकिन मुझे उसी वक्त यह अंदेशा हो गया था कि यह महज डोगा की उत्पत्ति की गाथा को दोबारा कहने का प्रयास नहीं है बल्कि डोगा एक कानूनी अपराधी होते हुए भी हीरो क्यों है इस बात को एक बेहतर तरीके से समझाने का प्रयास है। हलकान हो (Halkan Ho) मेरे उस अंदाजे को सही साबित करती है। कैसे आइए जानते हैं।
Credits
- Writer – Sanjay Gupta, Vivek Mohan
- Art – Dildeep Singh
- Inking – Jagdish Kumar
- Colouring – Shadab Siddiqui. Sunil Dasturiya
- Lettering – Mandar Gangele
- Editor – Sanjay Gupta
Artwork
सर्वप्रथम तो मैं इस कॉमिक्स के लिए दिलदीप सिंह जी की जितनी भी तारीफ करूं कम होगी। इस कॉमिक्स में उन्होंने अपने चित्रों से जबरदस्त समा बांधा है। एक एक पैनल अपने आप में एक पूरा चलचित्र है। उनके खूबसूरत चित्रों को बेहतरीन रंगों से भर के शादाब सिद्धकी और सुनील दस्तूरीया ने इस कॉमिक्स में चार चांद लगा दिए हैं। यकीनन इस पूरी श्रृंखला में आर्ट वर्क बेहद जबरदस्त रहा है और हलकान हो उसी स्टैंडर्ड को और ज्यादा ऊपर उठाती है।
Story
अब बात करते हैं इस कॉमिक्स की कहानी की। यह कॉमिक्स शायद राज कॉमिक्स इतिहास में पहली ऐसी कॉमिक्स है जिसमें एक विलन की उत्पत्ति की कहानी इतने विस्तार में बताई गई है। आज तक राज कॉमिक्स में केवल सुपर हीरोस के इर्द-गिर्द ही कहानियां बुनी जाती रही हैं इसलिए यह कहानी अपने आप में विशेष हो जाती है।
Parallel origins
इस कहानी में हल्के नामक एक लड़के के हलकान सिंह नामक एक दुर्दांत अपराधी बनने की कथा कही गई है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने डोगा और हलकान सिंह के बीच के अंतर को बेहद स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। दोनों के भीतर हिंसक प्रवृत्ति की उत्पत्ति बचपन में उनके साथ हुए अत्याचारों की वजह से हुई थी। दोनों ने ही अत्याचारियों के विरुद्ध आवाज उठाने का काम किया और हिंसा को अपना हथियार बनाया, लेकिन यहीं पर समानता समाप्त होती है। इसके पश्चात डोगा और हलकान की कहानियां अलग-अलग दिशा में चल देती है जिसे यह कॉमिक्स बखूबी सामने लाती है।
What makes Doga a Hero
यह सच है कि दोनों हिंसक पुरुष है जो अपने शत्रु को मारते समय एक पल भी नहीं ठिठकते है, लेकिन फर्क बस इतना है कि हिंसा की ज्वाला में जलते हुए डोगा सही और गलत में अंतर करना नहीं भूला है। वहीं दूसरी ओर हलकान उस हिंसा की आग में अंधा हो चुका है। अन्याय से लड़ते-लड़ते जहां डोगा ने अपने अंदर की पशुता को थाम के रखा है वही हलकान पूरी तरह से एक वहशी दरिंदा बन चुका है। यह कॉमिक्स डोगा को एक नई रोशनी में सामने लाती है और यह साबित करती है कि वह मात्र कोई एंटीहीरो नहीं है, वह एक सुपर हीरो है।
हलकान हो कॉमिक्स रक्त कथा श्रृंखला को एक नए आयाम पर ले जाती है और यह उम्मीद भी जगाती है की इस श्रृंखला का आखिरी अध्याय बेहद धमाकेदार होगा। अगर आप डोगा के फैन हैं तो यह श्रृंखला आपके पास होना अनिवार्य है।