आज जब मैं बुल्स आई प्रेस की नवीनतम कॉमिक्स यज्ञा भाग 4 (Yagya)का dissection करने बैठा तो मुझे एहसास हुआ कि इसके पिछले तीनों भाग, मेरी धार से बच कर निकल चुके थे। ऐसे में इस कॉमिक्स की समीक्षा करना तब तक संभव नहीं था जब तक मैंने पहले तीन भागों को एक बार दोबारा पढ़ नहीं लिया। और उन तीन भागों के बेहतरीन content को पढ़ने के बाद मैं तैयार था इस कहानी की चिरफाड़ करने के लिए।
Credits
- Writer – Sudeep Menon
- Art – Giada Belviso
- Coloring – Harendra Saini/Naval Thanawala
- Editor – Raviraj Ahuja
Art
यज्ञा भाग 4 का आर्टवर्क कहीं-कहीं तो बहुत लुभावना लगता है लेकिन अधिकतर जगह यह आर्टवर्क भाग-3 के समक्ष कमजोर दिखाई देता है। हिंदी वैरीअंट का कवर भी पहले के अंकों के मुकाबले बहुत साधारण सा बना है। कॉमिक्स में कई पैनल ऐसे हैं जिन्हें देखकर यकीन ही नहीं होता है यह उसी आर्टिस्ट का काम है जिसने यज्ञा मौत का सौदागर मे बेहतरीन काम किया था। कॉमिक्स का जो पहलू मुझे सबसे ज्यादा निराशाजनक लगा वह था अधीरा और मोही का लुक। इन दोनों किरदारों को खास उनका साधारण girl next door लुक बनाता है, मगर इस कॉमिक्स में वो stereotypical sexualized फीमेल कॉमिक कैरेक्टर लग रही है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आर्टवर्क का स्तर वाकई में निराशाजनक है।
Story
बुल्स आई प्रेस का यह पहला आधिकारिक क्रॉसओवर इवेंट था जिसमें यज्ञा और अधीरा मोही पहली बार साथ आए थे। लेखक सुदीप मेनन इस वक्त भारतीय कॉमिक्स जगत के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में से एक हैं, लेकिन इस कॉमिक्स में उन्होंने जो प्रोडक्ट पेश किया है वह उनकी लेखनी के expected level से below par है। कहानी का मुख्य विलेन बेहद आसानी से हार जाता है जो कि उसकी ओरिजिन स्टोरी को बेमानी साबित करता है। जिस हथियार से देवलोक तक को जीता जा सकता है, उसे यज्ञा बहुत आसानी से विफल कर देती है। अधीरा मोही के किरदार तो इस कहानी में बिल्कुल फिट नहीं बैठते हैं। दैत्य और असुरों के इस संसार में वह दोनों कन्फ्यूज्ड सी नजर आती है।
संपादक रवि राज आहूजा अपने साफ काम के लिए जाने जाते हैं और उनसे इस प्रकार की एडिटिंग मिस्टेक्स की उम्मीद बिल्कुल नहीं की जाती है जिस प्रकार की छोटी-छोटी गलतियां इस कॉमिक्स में हुई है। हालांकि यह गलतियां संख्या में बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन जिस इंसान के काम में परफेक्शन हो, वहां चंद गलतियां भी साफ नजर आती है।
Final Verdict
कॉमिक्स में क्रेडिट पेज काफी रचनात्मक रखा गया है लेकिन वह इस कॉमिक्स की कमियों को छुपाने में कारगर नहीं साबित होता है। एक पाठक से ज्यादा, बुल्स आई के एक मुरीद के रूप में यह एक निराशाजनक अंक है। उम्मीद है कि आगामी अंकों में हमें फिर वही फ्लेवर देखने को मिलेगा जो बुल्स आई को खास बनाता है।