Disclaimer
अस्वीकरण: इस रिपोर्ट के सभी पात्र और घटनाएँ.. यहां तक कि जो वास्तविक लोगों पर भी आधारित हैं, वे पूरी तरह से व्यंग्यपूर्ण (Satire) हैं और केवल हास्य के उद्देश्य से लिखे गए हैं और किसी को भी लेशमात्र ठेस पहुंचाना या नुकसान पहुंचाना इसका मकसद नहीं है। जिसे भी लगता है कि इस रिपोर्ट को संजीदगी से लिखा और पढ़ा जा रहा है और वो उस वजह से इससे अपमानित/कुपित हो रहा है अथवा महसूस कर रहा है, सर्वप्रथम तो वो इस पोस्ट को “Successfully Ignore” करे और जिन लोगों के इस व्यंग्य से प्रभावित होने की उसको आशंका है, उन लोगों से भी इस पोस्ट को इग्नोर करने की नसीहत दे.. क्यूंकि जिन लोगों को व्यंग्य और हास्य समझने की समझ नहीं है, हम नहीं चाहते कि वो लोग इसको पढ़ें और परेशान हों।
अब जो भी इसको पढ़कर कुपित होता है, वो अपनी खराब मनःस्थिति के लिए पूर्णतया स्वयं जिम्मेदार होगा!
Let’s begin
रुक जा ओ कॉमिक्स दीवाने, बस भी कर दे ज़रा, ना कर भसड़ इतनी, लंबा होता जाए आर्टिकल मेरा….
भौंडी पैरोडी की माफी चाहूँगा, लेकिन कभी-2 हम वाकई कॉमिक्स जगत में लगातार हो रहे हंगामों और बवालों को देखकर दुआ मांगते हैं कि बस बाबाजी (काशीपुर वाले नहीं), अब इस हफ्ते को बोरिंग बना दो..देखते हैं कब होगी दुआ कबूल.. क्या मतलब महापापियों की नहीं होती?
खैर, आइए देखते हैं इस हफ्ते का सूरते-हाल:
1. Editors on leave
पिछले हफ्ते हमारे संपादक से दो गलतियां हुईं.. पहली, राज रहमान कॉमिक्स का लेखक गलती से श्री सुदीप मेनन को बता दिया गया था जबकि लेखक श्री Ashwin Kalmane हैं.. जिस त्रुटि पर श्री Raviraj Ahuja ने हमें आड़े हाथों लिया और हमारी गलती का भरी सभा में मज़ाक उड़ाया.. लेकिन हमने भी कोई हिसाब बाकी नहीं रखा और हाथ के हाथ अपना आर्टिकल संपादित कर दिया, जिससे बाद में पढ़ने वाले को हमारी गलती पता ही ना लग पाए.. अब ये कोई छापी गई कॉमिक्स तो है नहीं जिसमें रीप्रिंट से पहले लेखक का नाम ना बदला जा सके और हो सकता है कि उस बदलाव को भी कोई यादों की बारात का दूल्हा स्वीकार ना कर पाए और मूल सेट डिटेल्स में बदलाव के लिए झगड़ पड़े.. बड़े आए हमें एडिटिंग सिखाने!
2. Editors asleep
दूसरी गलती हमसे हुई जब हमने श्री बसंत Panda जी के फेसबुकिये वार्तालाप का संज्ञान लिया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सर्वमनोकामना सिद्धि कॉमिक्स के आर्टिस्ट श्री सुशांत पंडा हैं और गलती से आर्टिकल में हमने सुशांत जी की जगह बसंत जी लिख दिया, जिसको लेकर वो काफी रुष्ट हुए और पिछले शनिवार रात को उन्होंने अपनी वॉल पर पोस्ट करके हमपर जानबूझ कर उनके और RCMG के बीच में कलह करवाने का और उनका सरनेम बिगाड़ने का आरोप लगाया (वो भी बाकायदा Abhishek Mishra का नाम बिगाड़ने की पुरजोर कोशिश करके, लेकिन वो क्यूंकि Abhishek Mishra की समझ में नहीं आया इसलिए वो बुरा मान ही नहीं पाया), जबकि हम तो सिर्फ लेखक के हक के लिए आवाज उठा रहे थे… पूरा कॉमिक्स जगत जानता है कि यहां सबके लिए आवाज उठाई जाती है और किसी का भी जानबूझकर मज़ाक नहीं उड़ाया जाता है। लेकिन ये समझ नहीं आया कि उन्होंने एक ही पोस्ट 4 बार क्यूँ की? क्या फेसबुक पर पोस्ट प्रतिध्वनित होने का फीचर आ चुका है?
हालांकि हमने भी अपनी गलती संज्ञान में आते ही फटाफट अपने पिछले हफ्ते के आर्टिकल में जरूरी बदलाव किए, भले ही Pradip Burnwal जैसे लोग बसंत Panda जी को लगातार भड़का रहे थे कि हम अपनी त्रुटि नहीं सुधारेंगे, ताकि उनकी नाराज़गी कम हो.. लेकिन उन्हें असली राहत तब मिली, जब RCMG के एक कर्मचारी ने बाकायदा फेसबुक पोस्ट डालकर क्रेडिट में गलत बदलाव के लिए माफी मांगी और बताया कि क्यूंकि उस पर RCMG के काम का काफी दबाव है और वो अकेला इतना काम कर रहा है जितना शायद 15 रचनाकार और कलाकार मिलके ना कर सकें, इसलिए कॉपी पेस्ट और ट्रेस करते हुए लयके हैं, गलती हो जाती है और उसकी इस एक गलती से कितना तमाशा होगा, इसका उसको अंदाजा नहीं था… बातों बातों में यहां तक बता दिया उस कर्मचारी ने कि RCMG की खजाना CE में श्री हनीफ अजहर का क्रेडिट कांड भी उसकी वजह से ही हुआ था.. बस ये नहीं समझ आया कि इतना गलत कैसे हो सकता है भाई! लेकिन इन खुलासों के थोड़ी ही देर बाद वो पोस्ट डिलीट कर दी गईं और सुबह होने तक बसंत Panda जी ने अपनी फेसबुक पोस्ट चार बार डिलीट की और COTW के कमेन्ट सेक्शन में कमेन्ट भी.. जाने क्यूँ? क्या उनको हमारी भलमनसाहत का अंदाजा हो गया था या कुछ आत्मग्लानि वाला मामला था? लगता है ये राज भी उस रात के साथ ही चला गया….
अब बसंत Panda जी चाहें तो हमें क्रेडिट दे सकते हैं कि हमारा उनके पक्ष में आवाज उठाने का उनको फायदा हुआ और कॉमिक्स जनता के संज्ञान में ये बात RCMG को लानी पड़ी, नहीं तो कोई बात नहीं… उनको भी कहाँ मिल पाया कॉमिक्स में लिखित क्रेडिट।
बाकी हम बसंत Panda जी को मैं एक बात साफ़ कर देना चाहते हैं कि उनका अपमान करने का कोई इरादा नहीं था और हमें समझ आ गया है कि उनका नाम बसंत पांडा नहीं, बसंत पंडा है और हम आगे से कभी भी उनको बसंत पांडा कहके संबोधित ना करेंगे, ना किसी को करने देंगे! हम इस कॉलम के माध्यम से सबको चेतावनी दे रहे हैं कि कोई भी, कहीं भी, कभी भी बसंत पंडा जी को बसंत पांडा नहीं बुलाए, वर्ना हमसे बुरा कोई नहीं होगा और हाँ, किसी पांडा का नाम बसंत भी नहीं रखना है, कहीं कोई ज़्यादा होशियारी दिखाने का सोच रहा हो!
3. Deadly homage… pretty deadly
बीते हफ्ते एक मार-धाड़ होते होते बची जब एक प्रबुद्ध पाठक ने स्वयंभू कॉमिक्स की नयी पेशकश सतयुग-2 के एक वेरिएंट कवर को बैटमैन की कॉमिक्स से सीधे-2 चेपे जाने का आरोप लगा दिया और जब उनको बताया गया कि ये चोरी नहीं homage है, क्यूंकि यहां मूल आर्टिस्ट को क्रेडिट दिया गया है तो उनके सवालों से कुछ ऐसा लगा मानो वो कहना चाह रहे हों कि चोरी तो चोरी होवे है, चाहे वो ट्रेसिंग हो या homage लेकिन फिर उन्होंने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी और मामला थोड़ी झोंटाझोंट के बाद शांतिपूर्वक सुलट गया.. हालांकि उसी कमेंट सेक्शन में जो homage उन्होंने Wonder Woman के रूप में Gal Gadot को बनाकर दी, उसके लिए इस ग्रुप के लोग उनका तहे-दिल से आभार व्यक्त करते हैं.. हमें पूरी उम्मीद है कि Swayambhu Comics को COTW के पटल पर इस तरह लाने के लिए वो हमें एक प्रशस्ति पत्र जरूर भेजेंगे।
4. Price rise bro
RCMCG, भारतीय कॉमिक्स जगत की नयी उम्मीद, जिनपर सबको अगाध विश्वास है, ने इस हफ्ते घोषणा की ख़ज़ाना सीरीज का CE लाने की लेकिन कीमत कुछ ऐसी बताई जो कि उनके पुराने दावों, जिसके अनुसार कॉमिक्स के दाम लगातार बढ़ाने वाला प्रकाशक ग्राहकों का आर्थिक शोषण कर रहा है और गरीब पाठकों के आटा दाल चावल के पैसे महंगी कॉमिक्स पर खर्च करवाने का पाप कर रहा है, से मेल नहीं खा रही थी। बस फिर क्या था, Asli Vijay Shetty नाम के सदस्य को तो मौका चाहिए था और उसने भी पूरा लम्बा चौड़ा पोस्ट लिखकर ये दर्शाने की कोशिश की कि RCMCG की कॉमिक्स सस्ती तो हैं, लेकिन हर सेट की कीमतें बढ़ती जा रही हैं.. बस फिर क्या था, इसके जवाब में RCMCG के ग्रुप पर बाकायदा आगामी कॉमिक्सों की रेट लिस्ट जारी हुई और दावा किया गया कि आगे आने वाले समय में भी कमोबेश यही कीमतें रहेंगी, जब तक दुबारा इनको बढ़ाया नहीं जाता… हाँ ये खुलासा नहीं हो पाया कि गत्ते की कीमतों में ऐसी क्या आग लगी है कि खजाना CE का गत्ते के कवर वाला वेरिएंट 175/- रुपये अधिक मूल्य का है? क्या ये गत्ता फूंक कर फ़ेसबुक पर कुछ भी उल्टा-सीधा लिख देने वालों द्वारा बढ़ायी गई गत्ते की मांग का नतीजा है?
5. Inspired from Afridi
ये बात अब जगजाहिर है कि कॉमिक्स दुनिया हर रात RCMCG के ग्रुप पर होने वाली पोस्ट्स का बेसब्री से इंतजार करती है क्यूंकि चाहे किसी के मन की भावना कैसी भी हो, सब RCMCG के सर्वेसर्वा मनीष गुप्ता जी के विचार जानने को लालायित रहते हैं और मनीष जी का भी ह्रदय इतना उदार है कि वो निराश नहीं करते हैं और राज कॉमिक्स के इतिहास के बारे में अनसुनी बातें बताते हैं और समझाने की कोशिश करते हैं कि किस तरह राज कॉमिक्स साम्राज्य का पतन रोकने की उन्होंने पुरजोर कोशिशें की और कैसे RC के दूसरे घटक अंग्रेज सरकार की तर्ज पर पाठकों से डुगुना लगान वसूल कर रहे हैं और किस तरह वो पाठकों को इस शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए आए हैं। उन्होंने तो यहां तक दावा कर डाला कि चाहे RCSG या RCMG कोई भी नयी कॉमिक्स छापे, उस पर अधिकार उनका होगा और वो जब चाहें, उसको छाप सकते हैं, लेकिन पता नहीं क्यूँ वो पोस्ट सुबह तक डिलीट हो चुकी थी…जानकार लोगों को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि क्या ऐसा हो सकता है? हां, जो फेसबुकिये दुग्गल साब टाइप के वकील हैं, वो पूरी तरह आत्मविश्वास से लबरेज़ थे क्यूंकि उनके हिसाब से उनको सब पता होता है। बाकी पुनरुत्थान वाला सेट निकट भविष्य में छपकर आने की कोई उम्मीद लग नहीं रही है।
हालांकि शायद उनको भी इस बात का एहसास हुआ कि ये फेसबुक वगैरा प्रयोग करना है बेकार की बात ही और वेल्ले लोग ही यहां की बहस मुबाहिसों में शिरकत करते हैं (COTW लिखने पर कौन वेल्ला बोला रे?), और इसलिए उन्होंने घोषणा की कि वो कुछ दिन फेसबुक से दूर रहेंगे और काम में ध्यान लगाएंगे। ये सुनते ही भोली कॉमिक्स जनता का दिल बैठ गया, ये सोचकर कि अब वो अपनी शाम कैसे काटेंगे और मज़लूमों के दिल से निकली, शायद एक करुण पुकार, इसलिए मनीष जी, शाहिद अफरीदी के अपने रिटायर्मेंट वापसी लेने से भी अधिक तेजी से, कुछ ही देर में फेसबुक पर एक नयी पोस्ट के साथ वापसी आ गए, जिसे देखकर पूरे कॉमिक्स जगत में जैसे कोई दिव्य ज्योति सी प्रज्ज्वलित हुई.. ऐसा लगा जैसे देव-दानव, सुर-असुर, गन्धर्व, नाग, किन्नर, नर, नारी सभी कृतज्ञ महसूस कर रहे हों।
6. Pravitara Rishta or not
पिछले हफ्ते जैसा हमने बताया था कि RCMG लाने वाली है PraViTaRa, जिसकी घोषणा के साथ उसका प्री-ऑर्डर लगाया गया 10% छूट के साथ और कई लोगों ने उसको हाथों हाथ बुक भी कर लिया, लेकिन Rayata फैला इस हफ्ते, जब RCMG ने निकाली एक नई मनभावन स्कीम जिसमें उन्होंने PraViTaRa पर 24% डिस्काउंट देने की घोषणा की उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध पहली 300 कॉपियां खरीदने वालों का, जिसे सुनकर प्री-ऑर्डर पर 10% छूट पर PraViTaRa ऑर्डर करने वालों के दिल में बस एक ही बात आयी: हमसे का भूल हुई, जो ई सजा हमका मिली.. और फिर उन सब दिलजलों ने धावा बोला RCMG के पोस्ट पर, और मांग उठाई कि उनको भी उनके PraViTaRa ऑर्डर पर 24% छूट दी जाए, वर्ना वो RCMG के सभी प्री-ऑर्डरों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे, अगला प्री-ऑर्डर लगने तक… हालांकि परपीड़ा में सुख पाने वालों ने लोगों की इस व्यथा में भी अपनी खुशी ढूंढी और कहते पाए गए कि बहुत सही हुआ है इनके साथ, जिनको बार-2 ये सब होता देखने के बावजूद अक्ल नहीं आ रही है। उधर सेलरों में भी रोष दिखा और एक सेलर दबी जुबान में कहते पाए गए कि इन्होंने यही सब करना है तो सेलर को कॉमिक्स देकर उनकी पूंजी क्यूँ फंसवा रहे हैं, खुद ही क्यूँ नहीं बेच लेते सीधे पाठकों को, तब पता चलेगा इनको कि जब ऐसे स्टंट्स के चक्कर में कॉमिक्स स्टॉक अनबिका रह जाता है, तब कैसा लगता है.. अब कौन समझाए उन सेलर महोदय को कि जो नहीं बिकेगी, उसको RCMG वाले किसी दूसरे स्वरूप में बाद में बेच लेंगे!
खैर, इस जनाक्रोश के सैलाब की वजह से अंततः RCMG वालों को उस दिन तक ऑर्डर करने वालों सभी लोगों को भी 24% छूट देनी ही पड़ी PraViTaRa पर, चाहे उन्होंने कहीं से भी ऑर्डर की हो! अब बस डिस्काउंट सेल वाले ऑफरों का फायदा लगभग डेढ़ साल से प्री-ऑर्डर कर रहे सभी पाठकों को भी मिलने लगे, तो मैं गंगा नहा आऊँ, उस मूल्यांतर वाले पैसे से….
7. What if?
इस हफ्ते खत्म हुई #CoReWhatIf प्रतियोगिता और मौका था टॉप 10 प्रतियोगिओं के नामों की घोषणा का…
टॉप 10 की लिस्ट आते ही जो लोग रह गए थे, उनके फोन में दर्द भरे गाने डाउनलोड होते देखे गए, वहीं टॉप 10 में आने वाले लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था.. लेकिन इनमें भी हवेली गुट वाले लोगों में अपनी कहानी टॉप 10 में आने से ज़्यादा खुशी उसी गुट के दूसरे प्रतियोगी की कहानी बाहर होने में देखी गई। सब कुछ शांतिपूर्वक हुआ और खूब आरोप-प्रत्यारोप हुए… किसी ने ज्यूरी की समझ पर सवाल उठाए, कोई शब्द-सीमा की दुहाई देता पाया गया और कैप्टन की कहानियों को तरजीह मिलती देखकर कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि इसका नाम ज्यूरी क्यूँ रखा है, कैडेट मण्डली क्यूँ नहीं रख देते! कोई प्रतियोगी Mitra तो Jeet ना पाने की वजह से इतना आवेशित हुआ कि उसने बाकायदा एक नकली ID बनाकर कमेंट सेक्शन में ऊल-जलूल कमेंट्स करने शुरू कर दिए जो ऐसे लग रहे थे जैसे कोई गधा ढेंचू-2 कर रहा हो.. लेकिन थोड़ी देर बाद वो ID और उसके कमेंट्स गायब हो चुके थे.. शायद मार्क जुकरबर्ग की असीम अनुकम्पा हुई उस पर भी..
लेकिन ये टॉप 10 चुने कैसे गए, इसको दर्शाने के लिए मैं एक कहानी का सहारा लूँगा और पाठकों से अपेक्षा रहेगी कि वो कड़ियां जोड़ें:
“एक ज्यूरी सदस्य ने , एक बंद व्हाट्सएप ग्रुप में, दो प्रतियोगियों से कहा: मुझे तुम दोनों ने रिश्वत देने की कोशिश की है!
दोनों प्रतियोगियों ने कुछ टाइप करना शुरू किया पर भेजा नहीं…. ज्यूरी सदस्य फिर गरजे: प्रतियोगी A, तुमने मुझे X रुपये भेजे हैं और प्रतियोगी B, तुमने मुझे X+Y रुपये भेजे हैं, लेकिन मैं बिकाऊ नहीं हूं!
कुछ पलों तक सन्नाटा छाया रहा और फिर ज्यूरी सदस्य ने एक स्क्रीनशॉट भेजा, जिसमें प्रतियोगी B को Y रुपयों का भेजा जाना दर्शित हो रहा था।
ज्यूरी सदस्य: तो क्यूंकि अब मैंने प्रतियोगी B का अतिरिक्त पैसा वापसी कर दिया है, इसलिए मैं अब तुम दोनों की कहानियों का मूल्यांकन निष्पक्षता से करूंगा… चले थे मुझे खरीदने!”
8. What made the snow melt
जब टॉप 10 की घोषणा हो चुकी थी तो विजेताओं की घोषणा भी होनी ही थी, लेकिन मेरा यकीन मानिये.. ये विजेताओं की घोषणा के चक्कर में खूब तू-तू मैं-मैं हुई है ज्यूरी मेंबरों की, क्यूंकि सबकी अपनी-2 “प्रतिबद्धताएं” थीं और सबने एक दूसरे से छिपाने की नाकाम कोशिश भी की थी और निष्पक्षता का झूठा नकाब भी ओढ़ रखा था, लेकिन अंत में सारे गिले-शिकवे दूर हुए और सभी ज्यूरी सदस्यों ने मिल बांट कर विजेताओं और Cheeseburger Comics द्वारा प्रायोजित स्पेशल अवार्डियों का चयन किया लेकिन अफसोस इस बात का रहा कि इस बार कोई लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ, ना तो किसी ने खास दंगा किया, ना ही किसी ने 2 कौड़ी की प्रतियोगिता बताया.. हाँ, थोड़ा बवाल हुआ जब श्री Vikas Sehgal की कम शब्दों वाली कहानी कहीं बड़ी-2 कहानियों से जीत गई, क्यूंकि कुछ लोगों को समझ में ये नहीं आ पाया कि चाहे जिंदगी हो या कहानी, लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए और Vikas Sehgal की कहानी के उस पेड़ की छाया, जिस पर बांकेलाल लटका हुआ था, काफी बड़ी थी!
उधर कैप्टन की कोई कहानी टॉप 3 में नहीं आयी, जिसके बाद कैडेट मण्डली के सीने पर साँप लोटे, और उन्होंने ज्यूरी पर संपोला सेना होने का आरोप लगा दिया..सुनने में आया है कि कैडेट HQ में “क्यूँ किसी को वफा के बदले वफा नहीं मिलती” बजता सुना गया। लेकिन पिक्चर अभी बाकी थी दोस्तों…
9. Paise barbaad…
क्यूंकि यूट्यूब चैनल Sailing Soul के संस्थापक श्री Rishabh Rivakuvi Pandey ने अपनी तरफ से तीन कहानियों को इनाम देने का वादा किया और सबको आरण्यक पर्व कॉम्बो भेंट करने की घोषणा की.. बस ये साफ नहीं किया गया कि इस कॉम्बो में से किसको क्या दिया जाएगा.. क्या मतलब तीनों को अलग-2 कॉम्बो मिलेगा?
ये घोषणा आते ही सबसे ज़्यादा खुशी हुई हवेली गुट के एक और स्तम्भ श्री Abhilash Chauhan को, जिनकी प्रविष्टी को सबसे ज़्यादा रिएक्ट्स “मिलने” के बावजूद ज्यूरी ने उसको टॉप 10 में शामिल नहीं किया था वहीं दूसरी तरफ CoRe एड्मिन्स आपस में अफसोस मना रहे थे कि यार अगर इन्होंने ही अवार्ड देने थे तो पहले बता देते.. कम से कम हमारे पैसे तो बचते.. बहूहूहू!
सबसे ज़्यादा बुरा लगा उन प्रतियोगियों के लिए जैसे Pradip Burnwal, जो टॉप 10 में आकर और टॉप 10 में से 8 लोगों को इनाम मिलने के बावजूद ऐसी लिखी हुई किस्मत के साथ धरती पर आए हैं कि जिनको कोई इनाम नहीं मिला.. सुना है हवेली गुट में से थोड़ी देर के लिए Pradip Burnwal को बाहर निकलकर खूब खुशी मनायी गयी और उसके बाद उनको दुबारा ग्रुप में वापसी लाया गया।
10. Sales analysis
पिछले कुछ दिनों से कॉमिक्स जगत में कॉमिक्स बनाने में आने वाले खर्चे, उससे कमाए जाने वाले करोड़ों के मुनाफे आदि से जुड़े हुए कई दावे और आरोप हवा में तैर रहे थे, लेकिन एक दावा जो किसी कट्टर विरोधी के भी गले नहीं उतरा था, वो ये था कि प्रति कॉमिक्स 10000 कॉपियां बेची जा रही हैं RCSG और RCMG द्वारा, लेकिन सेल्फ गोल करने की एक्सपर्ट RCSG की सोशल मीडिया टीम ये मौका हाथ से भला कैसे जाने देती..इसलिए RCSG के एक एड्मिन श्री Bhaskara G ने एक पोस्ट करी, ये दर्शाने के लिए कि कॉमिक्स की बिक्री बहुत कम है और इसके लिए उन्होंने बाकायदा सेलरों के बिलों की फोटू भी डाल दी, वो भी बिना किसी सेलर से पूछे…
बस फिर क्या था, जनता बौरा गई और इतने सारे कमेंट्स हुए कि वो पोस्ट CoRe के अब तक के इतिहास की सबसे अधिक कमेंट्स वाली पोस्ट बन गई और एडमिनों को मजबूरन कुछ देर उस पोस्ट के कमेंट्स ऑफ करने पड़े ताकि दूसरी पोस्ट्स पर भी कोई बात करने वाला हो। कॉमिक्स जनता ने ऐसे मजे लिए उस पोस्ट पर कि बस.. कुछ लोगों का कहना था कि एक तरफ RCSG वाले दावा करते हैं कि कॉमिक्सें इतनी तेजी से और इतनी अधिक मात्रा में बिक रही हैं कि फटाफट आउट ऑफ स्टॉक हो जाती हैं, वहीं यहां ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि कॉमिक्स बहुत ही कम बिक रही हैं.. किसको सच माना जाए? वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने चुटकी ली कि इतनी कम मात्रा में बेचने से तो ना ही बेचें, क्यूंकि वो नहीं चाहते कि प्रकाशक उनकी खातिर और घाटा उठायें.. और जैसे जैसे पोस्ट के रचयिता श्री BhasadKar G और उनके साथी RCSG के सोशल मीडिया प्रबंधकों ने उस पोस्ट का बचाव करने की कोशिश की, वैसे-2 “मर्ज बढ़ता गया, ज्यूं-2 दवा की वाला मामला” होता गया और बात बिक्री पर ना होकर RCSG की कॉमिक्सों के दाम और गुणवत्ता पर जा पहुंची, जिसके जवाब में RCSG की सोशल मीडिया टीम वाले ये कहते पाए गए कि इस मुद्दे पर पोस्ट नहीं की है परंतु लोग ने ना मानना था, ना माने और उन मुद्दों पर RCSG की जमकर धुलाई हुई.. अब भला आग में हाथ डालकर कोई ये उम्मीद तो नहीं कर सकता ना कि जलेगा नहीं। लेकिन उस पोस्ट के कमेन्ट सेक्शन के स्टार परफॉर्मर रहे श्री Amit Kumar, जिन्होंने RCSG के प्रति अपने खास “प्रेम” को दर्शाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और लोगों को उन्हें बोलना पड़ा BasKar G…
इस सारे ड्रामे को देखके जाने क्यूँ मुझे अंदाज़ अपना-2 के वो दृश्य याद आ गए जिसमें रॉबर्ट और भल्ला अपने पिलान के फेल होने के कारण गिना रहे होते हैं और तेजा कहता है: कलेजा ठंडा हो गया मेरा!
11. Monkeys with mouse
RCSG की सोशल मीडिया टीम ने एक और तमगा जोड़ा अपनी उपलब्धियों में, जब उन्होंने एक ऐसी पोस्ट अप्रूव की, जिसमें एक पाठक ने पोस्ट तो की थी इस भावना के साथ ताकि वो RCSG की शंखनाद और RCMG की शंखनाद में प्रबल समानता को दर्शा सकें और फेसबुक की अदालत में साबित कर डालें कि किस तरह RCMG की शंखनाद RCSG की शंखनाद की हूबहू कॉपी है, लेकिन गलती से उस पोस्ट में जो फोटुएं थीं, वो डल गईं सर्वग्रहण कॉमिक्स की… कुछ कुछ वैसे ही जैसे मैं बचपन में हिंदी की कॉपी में अंग्रेज़ी का होमवर्क करके स्कूल ले जाता था, और दोनों के टीचरों से मार खाता था (सुबुक..) …खैर, जब तक गलती का पता लगता और सुधारा जाता, तब तक बात सारे कॉमिक्स जगत में स्क्रीनशॉट्स के रूप में फैल चुकी थी कि किस तरह RCSG के सोशल मीडिया प्रबन्धक बाबा आदम के जमाने के तरीके से सोशल मीडिया प्रबंधन कर रहे हैं और कॉमिक्स जनता वास लाईक: वाह.. क्या पोस्ट अप्रूवल हो रहा है… वाह… क्या पोस्ट अप्रूवल हो रहा है!
12. LHTLVML vol. 326
हमेशा की तरह इस आर्टिकल की खातिर RCSG के सर्वेसर्वा श्री संजय गुप्ता फेसबुक पर लाइव आए, और अपने फैन्स के साथ दुआ सलाम करने के बीच में जो थोड़ा सा वक़्त बच गया, उसमें उन्होंने दिखाई अपनी आने वाली कॉमिक्स अग्निखंड की एक झलक और पाठकों से माफी भी मांगी.. नहीं नहीं, मृत्युरथी के खराब आर्टवर्क के लिए नहीं, बल्कि कॉमिक्स के साथ मिलने वाली क्यूट स्टैंडी साथ लेकर ना बैठने और उसको लेने के लिए उठकर जाने के लिए… हाँ उन्होंने अफसोस जताया कि कॉमिक्स जनता को मृत्युरथी का आर्ट पसन्द नहीं आया और साथ ही साथ ये भी बताया कि अग्निखंड का भी आर्टवर्क पहले बना होने की वजह से उसी तर्ज पर रहेगा.. साथ ही ये आश्वासन भी दिया कि अगले पार्ट में आर्टवर्क में सुधार आएगा… साथ ही लोगों को ढांढस बंधाया कि वो ऐसा ना समझें कि उनके सुझावों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा, बल्कि टीम RCSG सबका फीडबैक सुनती है.. हाँ मानती नहीं वो एक अलग मुद्दा है। और अंततः कैडेट समाज की गुहार सुनी गई और माना गया कि Trap कॉमिक्स का अगला पार्ट लाने में काफी अधिक देरी हो गयी है और साथ ही आश्वासन दिया गया कि जल्दी ही Trap का अगला पार्ट लाया जाएगा 40 पेज में, जिसे सुनकर कई कैडेट्स खुशी के आंसू बहाते देखे गए… RCSG की ध्रुव के प्रति ऐसी बेरुखी देखके अब तो मुझे भी शक़ सा होने लगा है कि कहीं ध्रुव को वाकई में तो सौतेला नहीं मानते हैं ये लोग?
13. Press freedom index
इस हफ्ते हुआ एक सनसनीखेज खुलासा जब RCMCG के मालिक श्री मनीष गुप्ता ने रहस्योद्घाटन किया कि सबको खेमों में बांटने वाला COTW का लेखक Jitesh Talwani सबसे बड़ा खेमेबाज स्वयं है, क्यूंकि वो RCSG का कोर्ट में वकील है! उन्होंने बाकायदा अपने ग्रुप पर पोस्ट डालकर चिन्हित किया और उनके प्रोफेशन का हवाला देकर उनका कॉमिक्स फैन होने का सर्टिफिकेट रद्द कर दिया और उनको निषिद्ध कर दिया अपने बारे में कुछ भी लिखने से.. जिस वजह से श्री Jitesh Talwani काफी डर गए और बेचारे पूरी रात चैन से सोते रहे, हालांकि अब वो पोस्ट डिलीट की जा चुकी है पता नहीं क्यूँ, लेकिन वकील बाबू काफी डरे हुए हैं और COTW में RCMCG के बारे में लिखने या मनीष गुप्ता जी का नाम लेने में ही उनकी रूह फाख्ता हो गई है इसलिए RCMCG से संबद्ध भसड़ें उन्होंने नहीं लिखी हैं.. वो तो इस कदर भयाक्रांत हैं कि मुझे उन्होंने Manish Gupta जी से ये पूछने को बोला है कि क्या वो RCMCG की कॉमिक्स पढ़ सकते हैं या इस बात के लिए भी उनको निषिद्ध किया गया है?
पत्रकार डर के साये में जी रहा है, मेरा कॉमिक्स जगत बदल रहा है।
14. Promises are meant to be broken
पाठकों के एक वर्ग में खुशी की लहर दौड़ गई, जब RCMCG के सर्वेसर्वा श्री मनीष गुप्ता जी ने पोस्ट की कि जल्दी ही वो RCMCG की वेबसाइट Rajcomics.com दुबारा संचालित करने जा रहे हैं और उससे भी वो अपनी कॉमिक्स की डिलिवरी शुरू करेंगे… हालांकि ये खबर आते ही देश की सभी बड़ी कोरियर कंपनियों में हड़कंप मच गया क्यूंकि जब मनीष जी सब काम खुद इन-हाउस कर रहे हैं, तो वो कोरियर कंपनी भी खोलेंगे ही अपनी और फिर बाकी कंपनियों का खेल खल्लास! मनीष गुप्ता जी को तहे-दिल से शुभकामनाएं, बस एक प्रार्थना है कि कॉमिक्स के डिलिवरी पैकेज की बाइंडिंग अपनी कॉमिक्स की तरह ना करें, पता लगे वो पैकेज ही ना खुल रहा हो!
15. Selfie contest alert
“लेडिज ड्रिंक नहीं करती कांड” की अपार सफ़लता के बाद इस हफ्ते CoRe पर हुआ, लेडिज कॉमिक्स पढ़ नहीं सकतीं कांड, जिसके सूत्रधार रहे श्री Imran Ansari, जिन्हें सुश्री पूजा पंत का कॉमिक्स के साथ फोटू पोस्ट करना बिल्कुल ही नागवार गुजरा और उनके अनुसार ये ग्लैमर के जरिए रिएक्ट्स बटोरने के स्टंट से अधिक कुछ नहीं था। जब उन्हें कहा गया कि ऐसा कुछ नहीं है और भले उनके समयकाल में ऐसा ना हो रहा हो, लेकिन इस आयाम में लड़कियां कॉमिक्स पढ़ती हैं, जिसको लेकर वो थोड़ा चिढ़ गए और उन्होंने दावा कर डाला कि वो भी अपनी फोटू कॉमिक्स के साथ पोस्ट करेंगे, जिसपर ग्रुप के वरिष्ठ एड्मिन श्री Rajat Mishra ने उन्हें ग्रुप का सौंदर्यबोध बिगड़ जाने के डर से रोकने का फरमान जारी कर दिया, जिस पर दोनों की काफी बहस हुई और Imran Ansari जी ने पूछा: “क्या बदसूरत लड़के कॉमिक्स के साथ अपनी फोटो नहीं पोस्ट कर सकते?”
बात यहीं नहीं रुकी और Imran Ansari जी कॉमिक्स जगत का सुप्रीम कोठा माने CoMa में उनकी शिकायत लेकर पहुंच गए इस उम्मीद में कि वहाँ उनकी पेशी होगी और सजा सुनाई जाएगी, लेकिन ऐसा ना होना था, ना हुआ लेकिन इसकी प्रतिक्रिया में कॉमिक्स जगत के नए नवेले फाइट क्लब Indamore में भी श्री Shaktiman Tiwari द्वारा एक पोस्ट की गई और Imran Ansari जी को मामला सुलटाने का न्योता दिया गया और बाद में वहाँ भी जमकर जूतमपैजार हुई, लेकिन अंततः निष्कर्ष यही निकला कि गलती पूर्णतया Rajat Mishra जी की ही थी, जिन्होंने Imran Ansari जी की फोटो पर CoRe मेंबरों को अपने विचार व्यक्त करने का मौका देने से वंचित कर दिया..
16. Comic fight club season 7638
जो कि माहौल में चार चांद लगा देती अगर उनके शाम को किए गए राज रहमान कॉमिक्स के रिव्यू में उनकी फोटू भी होती….
उन्होंने कॉमिक्स का रिव्यू किया और सिरे से उसको बेकार बता दिया और यहां तक कह दिया कि वो उसको पूरी नहीं पढ़ पाए, जबकि सुदीप मेनन जी ने साफ साफ बोला था कि इसको एक से ज़्यादा बार पढ़ना है! बस फिर क्या था, नीचे कमेन्ट करने वालों ने एक स्वर में बोला कि तुमसे ना हो पाएगा और जब तुमको कॉमिक्स पसन्द आती ही नहीं BullsEye की तो खरीदते ही क्यूँ हो? आखिर कब तक खुद का खुद से क्यूटिया कटवाते रहोगे उम्मीद के चक्कर में क्यूंकि ये कॉमिक्स है, भगवान नहीं, जिससे उम्मीद रखना जरूरी हो.. उदीयमान लेखक श्री JoyRaj Sharma तो काफी रोष में दिखे और उन्होंने श्री Imran Ansari से और उनके विवाद में RC की कहानियों को तो रगड़ा ही गया और हद तो तब हुई जब श्री Joyraj Sharma ने श्री Imran Ansari को अंग्रेजी कॉमिक्स के स्वघोषित एक्सपर्ट श्री Pradip Burnwal और भारतीय कॉमिक्स जगत के सबसे ज़्यादा चर्चाओं में रहने वाले यूट्यूबर श्री Ashish Mourya से भी गया गुजरा बता दिया! उनके बीच आपस में काफी असंसदीय भाषा का भी प्रयोग हुआ…ख़बर लिखे जाने तक CoRe पोलिस मौका-ए-वारदात पर तफ्तीश के लिए पहुंच चुकी थी…लेकिन श्री Pradip Burnwal का एक ही सवाल था: मुझे क्यूँ तोड़ा?
Sayonara till next saturday
सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें…
मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!