Hello Comic Nerds
जब भोकाल नामक सुपर हीरो को राज कॉमिक्स ने प्रस्तुत किया था तब कई लोगों ने उसकी तुलना हीमैन से करी थी। लेकिन समय के साथ-साथ इस किरदार ने उन तुलनाओ को झूठा बताते हुए, सफलता के कीर्तिमान रच दिए। महारावण श्रृंखला के बाद धीरे-धीरे इस किरदार में भी एक थकावट आने लगी थी, और ऐसे में आवश्यकता थी भोकाल की कहानियों को एक नया स्वरूप देने की। इसी कवायद की पहली कड़ी बनी धिक्कार नामक यह कॉमिक्स। और इसी कॉमिक से शुरू हुआ भारतीय कॉमिक्स जगत की सबसे बड़ी श्रृंखला के सृजन का जिसका नाम है सर्वनायक। तो आइए जानते हैं कि आखिर कैसी है सर्वनायक श्रृंखला की पहली दस्तक, भोकाल की धिक्कार।
Credits
- Writer – Nitin Mishra
- Art – Hemant
- Inking – Amit
- Effects – Abdul Rasheed
- Caligraphy – Harish Sharma
- Editor – Sanjay Gupta
Plot
विकासनगर की रक्षा के कर्तव्य से सन्यास लेने के पश्चात एक सुनसान जगह पर तुरीन और अपने पुत्र के साथ जीवन यापन करते भोकाल को एक बार फिर लौटना पड़ता है विकासनगर की रक्षा हेतु लेकिन वहां लौटने पर कुछ ऐसा होता है जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी। रहस्य और रोमांच से भरी भोकाल के इतिहास में झांकती कहानी है धिक्कार।
Art
भोकाल का जिक्र आते ही दिमाग में कदम स्टूडियो द्वारा बनाए गए मनमोहक चित्र घूम जाते हैं। इसलिए हेमंत जी के चित्रो से सजी यह कॉमिक्स थोड़ी अटपटी सी लगती है। हेमंत जी का चित्रांकन एक अलग तरीके का है जो हर एक को पसंद आना शायद संभव नहीं होगा। जहां कदम स्टूडियो के चित्रों में एक सरलता होती थी वही हेमंत जी के चित्र काफी क्लिष्ट है। कुछ जगहों पर भोकाल का चित्रण बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है, लेकिन इस कॉमिक्स में युद्ध के जितने भी पैनल्स है उन्हें देखकर महसूस होता है कि हम वाकई परी लोक की कहानियां पढ़ रहे हैं। चित्रों में कलरिंग और इफेक्ट लाजवाब बने हैं और पूरी कॉमिक्स को एक dark tone देने में मदद करते हैं।
Story
इस कहानी में कई ऐसे रहस्यों से सामना होता है जिन्हें पढ़कर ना केवल अगले भाग के लिए उत्सुकता जागती है, बल्कि सर भी चकरा जाता है और आंखें भी फटी की फटी रह जाती है। इन रहस्यों में सबसे बड़ा रहस्य है भोकाल के पिता का। लेखक नितिन मिश्रा ने भेड़िया की कहानी से inspiration लेते हुए भोकाल की उत्पत्ति को redefine किया है। इस उत्पत्ति मैं अभी और भी कई रहस्य खुलने बाकी हैं जो शायद आगामी अंकों में खुलेंगे। इसके अलावा पांचव नामक पांच भाइयों के किरदारों से भी हमारा परिचय होता है जिनका विकास नगर में आना अपने आप में एक रहस्य है। स्याह कालिकाओं की उत्पत्ति, शवमित्र और युद्धश्रेष्ठवीर की कहानियां भी इन रहस्यो को और गहरा करती है। वाकई में लेखक नितिन मिश्रा ने इस कहानी से भोकाल के किरदार में एक नई जान फूंक दी है।
Final Verdict
सर्वनायक श्रृंखला के आधिकारिक पहले भाग युगांधर को समझने के लिए धिक्कार कॉमिक्स पढ़ना आवश्यक है। साथ ही साथ यह कॉमिक्स सर्वनायक ब्रह्मांड की tone set करने का भी काम करती है। भोकाल के चाहने वालों के लिए भी यह कॉमिक्स एक खूबसूरत नई शुरुआत का काम करती है। लेखक नितिन मिश्रा द्वारा रचित इस ब्रह्मांड को समझने के लिए इसे अवश्य पढ़ें।