Hello Comic Nerds
भारतीय कॉमिक्स जगत की अगर हम बात करते हैं तो हम यह पाते हैं कि पूरा का पूरा कॉमिक्स का संसार सुपर हीरोज और भूत प्रेत की कहानियों से भरा पड़ा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि तथाकथित हास्य किरदार बांकेलाल भी कई मायनों में एक सुपर हीरो सरीखा ही है। ऐसे में एक नई प्रकार की कॉमिक्स कथा की रचना करना और अपनी मेहनत से कमाई जमा पूंजी लगाकर उस पर दांव खेलना काफी हिम्मत का काम है। ऐसा ही एक जुआ खेला है चित्र गाथा कॉमिक्स ने अपने प्रथम अंक WW3 : एक दार्शनिक द्वंद के साथ। आइए जानते हैं कि यह जुआ कितना सफल रहा।
Credits
- Writer – Prateek Bhattacharya/Anshudeep Dhusia
- Art – Amit Albert
- Coloring – Harendra Singh Saini
- Lettering – Raviraj Ahuja
- Editor – Anadi Abhilash
Plot
क्या होता है जब धरती तीसरे विश्व युद्ध के द्वार पर खड़ी हो और उसे होने देने या रोकने की शक्ति मात्र 2 लोगों के हाथ में हो? इसी विषय पर एक दार्शनिक द्वंद को प्रस्तुत करती कहानी है WW3.
Art
इस कहानी में चित्रांकन काफी अलग किस्म का है। चित्रकार अमित अल्बर्ट की एक चित्रकार के रूप में यह पहली कॉमिक्स है। एक समीक्षक होने से पहले मैं स्वयं को एक कलाकार और कॉमिक्स फैन मानता हूं। अतः मैं इस कॉमिक्स के आर्टवर्क पर ज्यादा टीका टिप्पणी नहीं करूंगा। पहले कार्य के रूप में मुझे आर्ट वर्क में सुधार की काफी संभावनाएं भी दिखी और साथ में चित्रकार के अंदर और बेहतरीन आर्ट बनाने की प्रबल शक्ति भी। उदाहरण के लिए कहानी का पहला पृष्ठ इस पूरी कॉमिक्स का सबसे बेहतरीन पृष्ठ बना है। वह एक splash page मित्र अमित की potential show करने के लिए काफी है।
Story
बेहतरीन। अगर मुझे एक शब्द में इस कॉमिक्स की कहानी को परिभाषित करना पड़े तो वह शब्द होगा बेहतरीन। इसके पीछे कई कारण है। सर्वप्रथम तो यह कॉमिक्स लीक से हटकर है। इसमें कोई सुपर हीरो या सुपर विलेन नहीं है। दूसरा, इसमें वर्तमान के कई वैश्विक मुद्दों को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है। तीसरा, इसमें जो दार्शनिक बंद प्रस्तुत किया गया है वह वाकई में आपको सोचने पर मजबूर कर देता है। इस कहानी में यह दिखाया गया है कि अंधकार और रोशनी स्थिर नहीं है और वक्त के अनुसार दोनों का अस्तित्व बदलता रहता है। अर्थात यह की आवश्यक नहीं कि रोशनी हमेशा ही सत्य की परिचायक हो। कभी-कभी रोशनी स्वयं भी असत्य को बढ़ावा दे सकती है और ठीक इसके उलट अंधकार भी कभी सत्य का वाहक बन सकता है।
The philosophical conflict in this comic book is really stimulating for a thinking mind. हां, यह बात कहने में मुझे कोई गुरेज नहीं है कि यह कॉमिक्स शायद व्यापारिक दृष्टिकोण से नुकसानदायक हो सकती है क्योंकि इस प्रकार के high end concept का भोग करने वाले कॉमिक्स जगत में गिने-चुने ही लोग होंगे। The comics though is not without its flaws. The one floor that really got under my skin is the depiction of the four horsemen of apocalypse. युद्ध, अकाल और मृत्यु का वर्णन तो सही है लेकिन the fourth horseman has been defined in an erroneous way. The fourth horseman is named as Conquest, लेकिन इस कॉमिक बुक में उसे पाखंड के नाम से introduce किया गया है जो कि गलत है।
Final Verdict
चित्रगाथा कॉमिक्स ने एक अलग से शुरुआत करी है और मैं चाहूंगा कि उनका यह प्रयोग सफल हो ताकि भारतीय कॉमिक्स जगत में इस प्रकार की नई कहानियां और भी आ सके। अगर आपने यह कॉमिक्स नहीं पढ़ी है, तो आपको अवश्य पढ़नी चाहिए क्योंकि इस प्रकार की कहानियां हमारी बुद्धि का विकास करती है।