Hello Comic Nerds
बचपन में मुझे अंधेरों से बहुत डर लगता था। डरावनी कहानियां पढ़ना तो दूर, मैं तो उनके कवर देखकर ही दूर भाग जाता था। लेकिन किस्मत का खेल निराला होता है। आज मैं डरावनी कहानियां लिखने के लिए जाना जाता हूं। और जब से मैंने डरावनी कहानियां लिखना शुरू किया है मुझे उन्हें पढ़ने में भी बहुत आनंद आने लगा है।
और आज मैं ऐसी ही एक डरावनी थ्रिल हॉरर सस्पेंस विशेषांक का dissection करने जा रहा हूं। इसका शीर्षक है हां बोल।
Credits
- Writer – Tarun Kumar Wahi
- Art – Aadil Khan
- Color – Sunil Pandey
- Editor – Manish Gupta
Art
कहानी का आर्टवर्क काफी हटकर है। मुख्य किरदार का चित्रांकन वीभत्स रस से भरा हुआ है। रंग सज्जा ने इन चित्रों को एक डरावने माहौल में प्रस्तुत करने का अच्छा कार्य किया है। मैं यह तो नहीं कहूंगा कि कॉमिक्स का आर्टवर्क सर्वश्रेष्ठ है लेकिन जिस माहौल को प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है उस माहौल के लिए यह आर्ट वर्क उचित है।
Story
कॉमिक्स की कहानी पढ़ने पर मुझे कुछ कुछ स्वयंभू कॉमिक्स के इनकॉग्निटो की याद आई। मैं यह बिल्कुल नहीं कह रहा कि इनकॉग्निटो किसी भी तरह से इस कॉमिक्स से कॉपी की गई है क्योंकि वह किरदार ही पूरी तरह से एक अलग दुनिया में है। मात्र कुछ प्रतिशत कहानी का कांसेप्ट मिलता जुलता है। यहां पर भी एक अनोखी शक्ति मुसीबत में पड़े लोगों की मदद करती है लेकिन तभी जब उस से मदद मांगी जाए। मदद करने के पश्चात वह शक्ति मदद के एवज में कुछ लेती भी है। बस इतनी सी ही समानता है लेकिन कहानी बिल्कुल ही अलग है।
कहानी में भय से ज्यादा वीभत्स रस और करुणा रस मौजूद है। इन दोनों के समागम से जो कहानी बनी है वह काफी मनोरंजक है और थ्रिल से भरपूर है। मुख्य किरदार की जो दर्दनाक कहानी बयां की गई है वह उस किरदार के लिए सांत्वना उत्पन्न करने में सफल होती है।
Final Verdict
कुल मिलाकर यह एक अच्छा कॉमिक विशेषांक है जो शुरू से अंत तक पाठक को बांधकर रखता है। यह कहानी कुछ समय के उपरांत अगर दोबारा भी पढ़ी जाए तो बोरियत नहीं होगी।