Hello Comic Nerds
अंग्रेजी में एक पुरानी कहावत है “may the dead rest in peace”. इस कहावत का सीधा-सीधा अर्थ है कि जो मर गया उसे मारा ही रहने दो। वैसे भी काल्पनिक दुनिया का इतिहास गवाह है कि किसी मुर्दे को जिंदा करने की कोशिश हमेशा ही बुरे परिणाम लाती हैं। You either create the Frankenstein monster or cause a zombie pandemic.
आज जिस कॉमिक्स का मैं dissection करने जा रहा हूं उसका शीर्षक है काली मौत और ऊपर लिखी बातें इस कॉमिक को लिखने से पहले लेखक को पढ़नी चाहिए थी।
Credits
- Writer – Jolly Sinha
- Art – Anupam Sinha
- Inking – Vinod Kumar
- Coloring – Sunil Pandey
- Editor – Gupta ji
Art
इस कॉमिक्स के आर्टवर्क में वही समस्याएं हैं जो इस श्रृंखला की बाकी कॉमिक्स में दिखाई दी थी। उदाहरण के लिए शुरू में नागराज की मुठभेड़ क्रोको नामक यांत्रिक मगरमच्छ से होती है। जहां अधिकतर फ्रेम में नागराज और क्रोको एक ही कद काठी के दिखाई देते हैं, वहीं कुछ फ्रेम में नागराज का हाथ उस प्राणी के जबड़े से छोटा दिखता है। शेष चित्रांकन में कोई खास ध्यान देने वाली बात नहीं है।
Story
कॉमिक्स की कहानी कई मायने में कमजोर है। सबसे बड़ा सवाल तो नागराज की बुद्धि पर उठता है। कालचक्र में नागराज ने भारती के ऊपर एक जीपीएस डिवाइस लगा दी थी। उसके पश्चात कुंडली और एलान-ए-जंग नामक दो भाग आ चुके, लेकिन नागराज को इस कहानी की शुरू में याद आता है कि उस जीपीएस को ट्रैक करने वाला रिसीवर उसकी बेल्ट पॉकेट में रखा है। मतलब नागसम्राट नागराज इतने भुलक्कड़ हैं की पूरी 2 कॉमिक्स के बाद उन्हें अपने बेल्ट में रखा सामान याद आ रहा है।
Mind bogling origin stories
कहानी में कुछ विलन आते हैं जिन की उत्पत्ति यानी ओरिजिन स्टोरी सुनकर हंसी आती है। बल्लू ब्लास्टर जो बारूद के धमाकों के बीच में ऐसा गिरा की बारूद उसके खून में मिक्स हो गया। अब वह कहीं पर भी ब्लास्ट कर सकता है। इस प्रकार से किसी किरदार की रचना आलस्य भरे लेखन की तरफ इशारा करती है।
और फिर आता है कॉमिक्स के शीर्षक में उल्लेखित विलन काली मौत।
एक धमाके में काली मौत के पूरे शरीर पर हीरे की परत चढ़ गई है। यहां तक तो समझ में आ गया, लेकिन आगे चलकर यह तथ्य सामने आता है कि उसके फेफड़ों पर भी हीरे की परत चढ़ी हुई। और यह बात गले से नीचे नहीं उतरती है। आगे चलकर नागराज की बुद्धिमानी से इस किरदार के शरीर पर चढ़ी हीरे की परत उतर जाती है और नागराज इसे हरा देता है। यह पूरा सीक्वेंस वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत बेकार बना है।
Another failed resurrection
आखिर में बात करते हैं कॉमिक्स के मुख्य विलन यानी थोडांगा की।
राज कॉमिक्स द्वारा थोडांगा को मारना एक बहुत गलत निर्णय था। लेकिन उससे भी ज्यादा गलत उसे बार-बार जिंदा करने के प्रयास रहे हैं। इस बार भी थोडांगा बहुत ही कमजोर लगा है। और सबसे बड़ी समस्या नागराज द्वारा उसे खत्म करने के लिए लगाए गए उपाय की है। थोडांगा का इस कहानी में अंत बहुत बचकाना लगता है और नागराज की सुपर हीरो छवि को नुकसान पहुंचाता है।
Final Verdict
अगर आप अच्छी कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो इस कॉमिक्स को बिना किसी उम्मीद के पढ़िए। कवर चित्र को देखकर किसी चमत्कार की आशा करना बेवकूफी ही होगा।
कालचक्र श्रृंखला अंक दर अंक कमजोर और बेतुकी होती जा रही है। उम्मीद है नागराज अमेरिका में पहुंचकर कुछ मनोरंजन दे पाएगा।