Hello Comic Nerds
बांकेलाल भारतीय कॉमिक्स जगत के सबसे मनोरंजक किरदारों में से एक है। एक हद तक यह भी कहा जा सकता है कि बांकेलाल हास्य का पर्यायवाची है और कॉमिक्स जगत में एक हास्य किरदार के रूप में जो मुकाम बांकेलाल ने हासिल किया वह कोई और ना कर सका।
लेकिन यह भी सच है कि हर उत्पाद की expiry date होती है। बांकेलाल की भी expiry date काफी पहले निकल चुकी थी। क्योंकि बांकेलाल की कहानी लगभग एक ही फार्मूले पर चलते चलते बांसी हो गई थी। हर कहानी में वही राक्षस, वही दुश्मन राजा और टूटती हुई बांकेलाल के षड्यंत्र की वही टांग। लोग कुछ नया चाह रहे थे।
पर वह नयापन लेकर आई है बांकेलाल की नई कॉमिक्स बोदी वाला थानेदार। क्या वाकई में इस कॉमिक्स में कुछ नयापन है। इसी की पड़ताल हेतु आज किया जाएगा इस कॉमिक्स का dissection.
Credits
- Writer – Nitin Mishra
- Art – Stuti Mishra
- Coloring – Sunil Dasturiya
- Calligraphy – Neeru/Nishant Parashar
- Editor – Sanjay Gupta
Plot
कहानी का प्लॉट थोड़ा अलग है। इस बार बांकेलाल के एक नए रूप के साथ-साथ राजकुमार मोहक सिंह का भी एक नया स्वरूप दिखाया गया है। और इस बार दोनों हैं आमने सामने तथा समस्या की जड़ है विशालगढ़ में आंतरिक सुरक्षा सेना यानी कि पुलिस फोर्स की स्थापना। किसका बनेगा थाना और कौन बनेगा थानेदार। बस यही है इस कॉमिक्स की कहानी।
Art
हम सब बांकेलाल को बेदी जी के नजरिए से देखते हुए बड़े हुए हैं। इसलिए किसी और की आर्ट पसंद नहीं आती है। लेकिन इस कॉमिक्स में बांकेलाल का आर्ट काफी अच्छा बना है। कुछ जगह चेहरे थोड़े आड़े तिरछे लगते हैं लेकिन जिस प्रकार की बांकेलाल की कहानियां होती हैं उस पर यह आड़े तिरछे चित्र भी फबते हैं।
Story
अगर कहानी की बात की जाए तो इस कॉमिक्स में भी बांकेलाल के चिर परिचित आवर्तक ट्रॉप्स (recurrent tropes) मौजूद है। राक्षस, विशालगढ़ पर हमला करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले पड़ोसी राजा, और टूटने वाली बांकेलाल के षड्यंत्र की टांग। लेकिन इस बार थोड़ा फ्लेवर भी अलग है और कलेवर भी अलग है।
हालांकि यह भी नहीं कहा जा सकता की कहानी शुरू से लेकर अंत तक आपको हंसाती जाएगी। जो हास्य का पैमाना पीछे पड़ा भालू इत्यादि कहानियों ने तय किया था उस पर यह कहानी खरी नहीं उतरती है। लेकिन पिछले वर्ष में जो बांकेलाल की कहानियां हमें प्राप्त हुई हैं उनके मुकाबले यह कहानी काफी मनोरंजक है।
कहानी में कुछ हिस्से ऐसे हैं जो आपको खिलखिला कर हंसने पर मजबूर कर देंगे। उदाहरण के लिए लंबडिंग की कविता वाला लघु अध्याय वाकई में अच्छा लिखा है। मोहक सिंह के रूप में एक नए प्रतिद्वंदी को इस कहानी में विकसित किया गया है। इस वजह से आने वाले अंकों में बांकेलाल के षड्यंत्रों में एक नयापन आने की उम्मीद है।
Final Verdict
बोदी वाला थानेदार बांकेलाल की कहानियों को पुनर्जीवन देने की काबिलियत रखती है। यह कॉमिक्स विगत 2 वर्षों में आई बाकेंलाल की सभी कहानियों में श्रेष्ठ है। कुल मिलाकर यह कहानी वाकई में बांकेलाल की गाथा में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा सकती है।