Hello Comic Nerds
पुनरुत्थान (Punarutthan)
इस शब्द का अर्थ होता है दोबारा उठना। जब जिंदगी आपको पट्टानी देकर धूल का स्वाद चखा दे, तब जो शख्स उस धूल को झाड़ कर दोबारा उठ खड़ा होता है वह विजय को प्राप्त करता है। पिछले कुछ सालों में अलग-अलग कारणों की वजह से भारतीय कॉमिक्स इंडस्ट्री की सिरमौर राज कॉमिक्स पटकनी खाकर किसी घायल योद्धा की तरह जमीन पर पस्त पड़ी थी। उसने उठने के लिए कई सारे प्रयत्न किए लेकिन आज, इस कॉमिक्स के रिलीज के साथ, वाकई में राज कॉमिक्स ने अपना पुनरुत्थान किया है।
और आज हम करेंगे इसी कॉमिक्स पुनरुत्थान (Punarutthan) का dissection.
Credits
- Concept – Nitin Mishra
- Writer – Anurag Singh
- Art – Dildeep Singh
- Inking – Vinod Kumar
- Coloring – Shadab Siddiqi/Sunil Dasturiya
- Calligraphy – Gaurav Gangele/Mandar Gangele
- Editor – Sanjay Gupta
Plot
96 पृष्ठों में फैली यह महागाथा, सर्वनायक खेलों के बाद की दुनिया की कहानी है। सभी ब्रह्मांड रक्षक मिलकर धरती की सुरक्षा के लिए तगड़े इंतजाम करते हैं जिसमें प्रमुख है अंतरिक्ष की कक्षा में एक विशेष सैटेलाइट को स्थापित करना। उस सैटेलाइट को सही जगह पर स्थापित करने में ब्रह्मांड रक्षकों को क्या समस्या आती है, और उस समस्या के दूरगामी प्रभाव क्या होते हैं, यह कहानी पुनरुत्थान में प्रारंभ की गई है।
Art
पुनरुत्थान में चित्रांकन दिलदीप सिंह जी का है। अगर इस आर्ट वर्क की तुलना उनके आज के काम से की जाए तो निसंदेह यह आर्ट वर्क कहीं नहीं ठहरता है। लेकिन फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ चित्र (विशेषकर अडिग वाला splash page) काफी लुभावने लगते है। कहानी के इस अंक के अंत में होने वाली लड़ाई के चित्र भी काफी अच्छे बने हैं। सच कहूं तो इस बात की कल्पना से ही मन प्रसन्न हो जाता है कि इस कॉमिक्स के तीसरे और अंतिम भाग के चित्र अभी बने नहीं है और यह काम आज एक चित्रकार के रूप में बेहद परिपक्व हो चुके दिलदीप जी द्वारा किया जाएगा।
Story
एक कहानी के रूप में पुनरुत्थान नितिन मिश्रा और लेखक अनुराग सिंह के बेहतरीन कार्य में से एक कही जाएगी। तकरीबन डेढ़ से दो दर्जन ब्रह्मांड रक्षकों को लेकर एक ऐसी कहानी रचना जिसमें कोई भी किरदार कहीं से भी कमजोर नहीं लगता है यह अपने आप में उम्दा लेखन का उदाहरण है।
- जहां राज कॉमिक्स के मुख्य सुपर हीरोस जैसे कि नागराज ध्रुव डोगा इत्यादि हमेशा की तरह ताकतवर दिखाए गए हैं, वहीं गगन और विनाशदूत को भी यह कॉमिक्स इज्जत देती है।
- दूसरी तरफ युवा और नए सुपर हीरोज लीजा, वेगा और अभेद्य इत्यादि भी इस कॉमिक्स में प्रभावशाली लगे हैं।
- सुपर इंडियन जैसा सुपर फ्लॉप सुपर हीरो भी मात्र चंद फ्रेम्स में समा बांध जाता है।
- भेड़िया और भीमकाय अडिग की जोड़ी लाजवाब लगती है।
- हर किरदार को एक सम्मान के साथ पकड़ कर लिखने की इस कला की इससे बड़ी बानगी क्या होगी की मीम बनाने वालों का चहेता तिरंगा भी इस कहानी में अपना प्रभाव छोड़ता है।
कहानी के कुछ छोटे-छोटे humour elements बीच-बीच में हंसी का तड़का लगा जाते हैं। परमाणु और शीना की वार्तालाप या फिर वेगा का शक्ति से फ्लर्ट करने का प्रयास करना। यह ऐसी चीजें हैं जो नितिन मिश्रा की लेखनी को खास बनाती हैं।
कहानी एक cliffhanger पर खत्म होती है लेकिन कहानी के आखरी फ्रेम में जिस सुपर हीरो की एंट्री होती है उसे देखकर दिल गार्डन गार्डन हो जाता है। वह एंट्री इतनी धांसू लगती है कि यकीन नहीं होता है कि यह वह किरदार है जिसे एक वक्त पर पाठको ने गंभीरता से लेना ही बंद कर दिया था।
Final Verdict
पुनरुत्थान (Punarutthan) सही मायने में एक लाजवाब कॉमिक्स है और इसे पढ़ने के बाद अगले भाग की प्रतीक्षा करना मानो किसी सजा से कम नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय साइज में यह कॉमिक्स और भी खास लगती है। लेकिन यहां मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, कि भाई जिसकी जिससे श्रद्धा हो वहां से खरीदें, लेकिन खरीदे अवश्य ही।
Bilkul sahi observation Archit bhai 👏👏
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