Hello Comic Nerds
आज जिस कॉमिक्स का मैं dissection करने जा रहा हूं, उसका शीर्षक है नाग पर्व (NagParv). अपने नियमित कार्य को शुरू करने से पहले दो बातें आदरणीय संजय गुप्ता जी से कहना चाहूंगा।
Hello Sanjay Gupta ji
यह क्या हाल बना रखा है संजय जी? इतने अच्छे प्रोडक्ट्स आप बाजार में ला रहे हैं लेकिन हर बार मखमल में टाट का पैबंद लगाना नहीं भूलते। इस बार भी आपने नाग ग्रंथ श्रृंखला के दूसरे अध्याय में कुछ ऐसी कैची चलाई है, कि जिसका मुंबई के बड़े से बड़े अपराधी कुछ नहीं उखाड़ पाए, उस डोगा की आपने मुंडी ही उखाड़ दी है।
भारतीय कॉमिक्स जगत में आप जो प्रयोग कर रहे हैं वह सराहनीय है, लेकिन आप से अनुरोध है की क्वालिटी कंट्रोल पर थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता है।
Back to dissection
अफसोस इस बात का है की आज पहली बार मैं dissection की शुरुआत में ही एक अंक काट रहा हूं।
One marks deducted for poor quality control (In Dumbledore’s voice).
खैर अब लौटते हैं हमारे मुख्य एजेंडे पर।
For those who have not read my review of Aadiparv – Click here
Credit
- Writer – Nitin Mishra
- Art – Hemant Kumar
- Inking – Vinod Kumar and Jagdish Kumar
- Colour design – Bhakt Ranjan
- Lettering and Calligraphy – Mandar Gangele
- Editor – Sanjay Gupta
Plot
तो भाई नाग पर्व का मुख्य प्लॉट वही है जो आदि पर्व में था। नागराज अपने असली अतीत को तलाश रहा है, और इसमें उसका साथ दे रही है नाग तांत्रिक नगीना। शेष, इस कहानी में और भी सब प्लॉट्स हैं, जो नरक नाशक नागराज के ब्रह्मांड की स्थापना करने में अहम किरदार निभाते हैं।
Art
सर्वप्रथम बात करते हैं इस कॉमिक्स के आर्ट की। बात क्या करना, बस यह समझ लीजिए कि हेमंत कुमार जी के चित्रांकन, विनोद कुमार तथा जगदीश कुमार जी की स्याही, और भक्त रंजन जी की रंग सज्जा ने एक visual spectacle create किया है।
Story
आदि पर्व एक बेहतरीन कॉमिक्स थी। और नागपर्व (NagParv) में नितिन मिश्रा जी ने अपनी लेखनी से मंत्रमुग्ध कर दिया है। चूकी कहानी में बहुत सारे किरदार हैं इसलिए मैं सभी मुख्य किरदारों की एक एक लाइन में समीक्षा करने का भी प्रयत्न करूंगा।
फिलहाल बात करते हैं कहानी की। कहानी पहले पृष्ठ से लेकर आखिरी पन्ने तक लाजवाब है। It is in reality and unputdownable book. आदि पर्व में जिस Cliffhanger पर कहानी को खत्म किया गया था, उसी से इस कॉमिक्स की कहानी शुरू होती है। और जो शुरू होती है तो फिर रुकने का नाम नहीं लेती है।
- कॉमिक्स में डोगा का शुरुआत में एक अहम किरदार है, और डोगा का यह स्वरूप धीरे-धीरे करके अच्छा बनता जा रहा है।
- कहानी में तौसी की दो बार एंट्री दिखाई गई। जहां पहले नरक नाशक को एक hallucination के माध्यम से तौसी दिखता है, वहीं अंत में फ्लैश बैक के माध्यम से नागसम्राट को लाया गया है। And in both the occasions, Tausi comes across as badass president of FOSLA (Frustrated one sided lovers association)
- भेड़िया के किरदार के भी अतीत को जरा सा टटोला गया है। His transition into the animalistic Kobi version feels fresh.
- जिस गगन विनाशदूत की जोड़ी पर वाही जी ने शैतान छोड़ कर रोड रोलर चलवा दिया था, उनको थोड़ा सम्मानजनक बनाने के लिए यह कहानी एक कदम और आगे बढ़ाती है.
- एंथोनी को महा प्रेत अंतहीन के रूप में प्रस्तुत करके राज कॉमिक्स ने Anthony पर लगा नकल का ठप्पा हटा दिया है। Goodbye Crow!
- And now let us talk about the show stealer of this story. इस कॉमिक से शोस्टॉपर ध्रुव ने भी इस ब्रह्मांड में कदम रखा है, और यकीन मानिए यह ध्रुव 14 साल का बच्चा लगता है। भेड़िया से हुए उसके टकराव में ध्रुव को नटखट दिखाया गया है। एक 14 वर्षीय बच्चे से बहादुरी में भी बदमाशी की उम्मीद करना स्वाभाविक है। I know that SCD purists and fans of Sinha sir will Charlie Hebdo me for saying this, but this version of Dhruv looks more realistic for given age.
नरक नाशक नागराज और नागमणि के रिश्ते की complexity को जिस खूबसूरती से लिखा गया है, वह एक mature writing का उदाहरण है।
नागराज और कोबरा घाटी का नया स्वरूप इस कॉमिक्स की एक और जानदार पेशकश है।
सच कहूं तो इस कहानी के हर पृष्ठ की तारीफ तो बनती है। अगर लिखने बैठूंगा तो शायद समीक्षा को भी कई भागों में लाना पड़ेगा।
Final Verdict
सच कहूं तो नाग ग्रंथ श्रृंखला यह साबित करती है की भारतीय कॉमिक्स जगत में नितिन मिश्रा जैसा लेखक आज तक नहीं आया है। राज कॉमिक्स fans हमेशा कहते हैं कि नागराज पर फिल्में बननी चाहिए, और मैं उनकी इस बात का पुरजोर समर्थन करते हुए यह जोड़ना चाहूंगा की अगर कभी नागराज पर कोई फिल्म बनाई जाए, तो जिस नागराज का चयन किया जाए वह नरक नाशक नागराज हो।
You have given me hope else none of the stories was exciting enough to buy so far. Aadiparv was good though and Nitin Mishra is seriously the one man army for Raj comics.
रोचक कॉमिक्स लग रही है। अब तो पढ़ने की कोशिश रहेगी।