Hello Comic Nerds
जब स्वयंभू कॉमिक्स ने अपनी एंट्री भारतीय कॉमिक्स जगत में करी, तब उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं थी। सच कहूं तो कॉमिक्स का शीर्षक Incognito ही खास कौतहूल नहीं उत्पन्न कर पा रहा था।
मैंने तो इनकॉग्निटो : अंधेरे का भगवान बस ज्ञोंक में ऑर्डर कर दी थी। लेकिन जब मैंने उस कॉमिक्स को पढ़ा तब मैं सच में अचंभित रह गया था। इसलिए नहीं कि मुझे उस कॉमिक से उम्मीदें नहीं थी, बल्कि इसलिए क्योंकि वह कॉमिक्स उम्मीद से बहुत ऊपर थी।
मेरे सामने एक ऐसा किरदार था जो ना हीरो था ना विलन। वह किरदार एक ऐसी ग्रे जोन में था, जैसी भारतीय कॉमिक्स में आज तक नहीं देखी गई है।
इसलिए जब स्वयंभू कॉमिक्स ने उस किरदार के अगले भाग की घोषणा करें तो मेरी उम्मीदे बहुत ज्यादा बढ़ गई थी।
और आज मैं करने जा रहा हूं इनकॉग्निटो श्रृंखला के दूसरे अध्याय कयामत की रात का dissection.
Credits
- Writer – Sudeep Menon
- Concept – Bhupinder Thakur
- Art – Martina Di Luzio
- Coloring – Santosh Pillevaar (Pages 1-20); Bree Sooja (Pages 21-44)
- Lettering – Raviraj Ahuja
- Hindi Translation – Mandar Gangele
- Graphic design – Gaurav Gangele; Mandar Gangele
- President (of Swayambhu republic) and Chief Editor – Bhupinder Thakur Superunique singh ji Insaan.
Plot
इस दूसरे भाग की प्लॉट लाइन में इतने सारे ट्विस्ट एंड टर्न है कि अगर मैं प्लॉट बताने बैठा, तो काफी सारे स्पॉइलर्स दे बैठूंगा। शार्ट में बस इतना बताऊंगा की यह कहानी है एक ancient artifact की जिसे पाने के लिए इनकॉग्निटो परेशान है।
Art
श्रृंखला के पहले अध्याय के मुकाबले इस अंक (Incognito 2) में थोड़ा अंधेरे को कम किया गया है, जिससे चित्रों की खूबसूरती और निखर कर सामने आई है।
मैं व्यक्तिगत रूप से splash pages का दीवाना हूं। इस कॉमिक्स में एक नहीं बल्कि 2 बेहतरीन स्प्लैश पेज है। यह पृष्ठ चित्रांकन को और बारीकी से निहारने, और उसका आनंद लेने का मौका देते हैं.
एक्शन पैनल्स काफी सजीव लगते हैं क्योंकि movements को लाइन ड्राइंग के उपयोग से काफी खूबसूरती से रचा गया है।
Story
कहानी में हिंसा की कोई कमी नहीं है। कहानी के शुरुआत में एक कार chase सीक्वेंस है, जो कहानी की एक गति सेट कर देता है। और एक बार जो लेखक ने एक्सीलरेटर पर पैर रखा है तो ब्रेक सीधे कहानी के आखरी फ्रेम में लिया है। कहानी में लेखक ने बहुत सारे नए किरदारों से हमारा परिचय करवाया लेकिन इनमें से कई किरदार बेहद तेजी से आते हैं और चले जाते हैं। इस वजह से एक पाठक के रूप में उन किरदारों से कोई खास जुड़ाव नहीं बन पाता है।
कहानी के अंत में कुछ रहस्य खोले गए जो वाकई में बेहद लाजवाब और shocking है।
An epic disappointment
इनकॉग्निटो कयामत की रात एक बेहद मनोरंजक कॉमिक्स लेकिन इस कहानी का एक पक्ष बहुत निराश करता है। और वह है महावीरा।
कॉमिक्स के प्रचार में महावीरा को इनकॉग्निटो के arch nemesis के रूप में प्रस्तुत किया गया था। उन दोनों के बीच के युद्ध को लेकर काफी भूमिका बांधी गई थी। लेकिन इस पक्ष पर लेखक ने कहानी में निराशा प्रस्तुत करी है।
The entire sequence and build up involving Mahavira and Incognito, ends up giving the same feelings as WCW’s Finger poke of doom.
Final Verdict
कुल मिलाकर यह कॉमिक्स अगले भाग के लिए उत्सुकता पैदा करती है, लेकिन एक निराशा भी दे जाती है। उम्मीद है कि लेखक एकता कपूर से प्रेरणा लेते हुए मिहिर विरानी को वापस लाएंगे। या फिर कॉमिक्स पाठकों की भाषा में कहूं तो थोडांगा वापस आएगा।
इस बार कॉमिक की हेड्लाइन कॉमिक्स से न्याय करती हुई नहीं लगी। हेडलाइन पढ़कर धारणा बनाने वाले इससे गलत धारणा बना सकते हैं जिससे कॉमिक को नुकसान हो सकता है। लेख पढ़कर कॉमिक पढ़ने की इच्छा बलवती हुई है। मैं भी जल्द ही ये सीरीज लेने की कोशिश करूंगा। उम्मीद है जल्द ही पूरी होगी।