Welcome to speed dissection
ओपीडी बहुत भारी थी। दिमाग पूरी तरह से थक गया और इसलिए घर पहुंचकर लंच करने के बाद मैंने निर्णय लिया कि आज कुछ अलग पढ़ा जाए। तो अपने खजाने में टटोलने पर मुझे पिछले साल डायमंड कॉमिक्स से मंगाई गई अग्निपुत्र अभय की कॉमिक्स मिली।
अग्निपुत्र अभय और ब्लैक थंडर (Agniputra Abhay)
तो आइए करते हैं इस कॉमिक्स का dissection
Plot
कहानी मॉर्डनलैंड के माफिया बॉस टॉम से शुरू होती है जो इंडिया की तबाही के लिए ब्लैक थंडर नामक एक रहस्यमई व्यक्ति को अपने द्वीप से भारत के 1 शहर तालबेहट में भेजता है। या व्यक्ति पूरे इलाके को रेडिएशन की पावर से उबाल देता है और पूरे तालबेहट को बर्बाद कर देता है। उसके बाद इसे रोकने पहुंचते हैं हमारे सुपर हीरो अग्निपुत्र अभय और इन के बीच की लड़ाई की कहानी है ब्लैक थंडर।
Story
असल में कहानी में कुछ लिखने के लिए है ही नहीं। बस ब्लैक थंडर तबाही मचाता है और अग्निपुत्र अभय उसे रोकने की कोशिश करते हैं। जब उनका पलड़ा भारी होने लगता है तो कंप्यूटर पर लाइव प्रसारण देख रहा टॉम एक नए सुपर विलेन को भेज देता है और बस यही लड़ाई चलती रहती है। अंतत: हमारे हीरोस मॉर्डनलैंड पहुंच जाते हैं और वहां उनके ब्लैक थंडर के बीच में एक निर्णायक जंग होती है। सत्य की विजय होती है। कहानी खत्म पैसा हजम।
Art
जहां तक कॉमिक्स के आर्ट का सवाल है तो मुझे तो यह कॉमिक्स speed drawing का नमूना लगती है। हर फ्रेम अफरा-तफरी में बनाया गया है इसलिए कॉमिक्स में कहीं पर भी ऐसा कोई पैनल नहीं है जिसे देखकर आपकी नजर ठिठक पाए।
Why Diamond Comics is dead
शायद इस कॉमिक्स से बड़ा उदाहरण नहीं मिलेगा जो यह समझा सके कि अग्निपुत्र अभय जैसे high potential वाले original सुपर हीरोस को डायमंड कॉमिक्स क्यों नहीं सफल बना सकी।
मैंने डायमंड कॉमिक्स की वेबसाइट से ₹100 में यह कॉमिक्स खरीदी थी। एक तो कॉमिक्स उस लायक नहीं और दूसरा पुराने प्रिंट को ही टेप लगाकर मुझे चिपका दिया। इसलिए भूल कर भी डायमंड कॉमिक्स की वेबसाइट से कॉमिक्स मत लेना।
डायमंड ही नहीं राज भी पुराने कॉमिक्स पर स्टिकर्स लगाकर बेचते रहते थे। ऐसे कई कॉमिक्स मेरे पास पढ़े हैं। अभय की कुछ कॉमिक्स प्रतिलिपि पर हैं। मैं तो उधर ही पढूंगा इन्हे। देखते हैं कैसी रहेगी।