Hello Comic nerds
यह बात तो स्पष्ट है कि मैं तुलसी कॉमिक्स का फैन नहीं हूं। विशेषकर जम्बू और अंगारा मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं आते हैं, लेकिन इन सब के बावजूद भी मैं कॉमिक्स इंडिया द्वारा प्रकाशित सारी कॉमिक्स खरीदता हूं। यह सिर्फ इसलिए की मैं काफी आशावादी व्यक्ति हूं, और मैं हर बार यही आशा करता हूं कि शायद कभी तो मुझे जम्बू और अंगारा की कॉमिक्स में कोई अच्छी कहानी मिल जाएगी। बस इसी उद्देश्य से मैंने कॉमिक्स इंडिया द्वारा प्रकाशित अंगारा के latest 3 reprints को ऑर्डर करके मंगाया।
The Overview
सहूलियत के लिए इस श्रृंखला को मैं नाम देना चाहूंगा अंगारा की प्रेम कथा। तो आइए करते हैं अंगारा कि इस प्रेम कहानी से सराबोर 3 अंकों में फैली इस गाथा का dissection.
Story
अंगारा की इस प्रेम कहानी की प्रमुख किरदार हैं बलारा की राजकुमारी बलारा। जी हां, लेखक ने राजकुमारी के लिए एक अलग नाम सोचने के लिए भी मेहनत करना मुनासिब नहीं समझा। इससे आप समझ ही सकते हैं कि कहानी लिखते वक्त लेखक कितने गंभीर थे। खैर इस श्रृंखला के प्रथम भाग बलारा की राजकुमारी में हमारा परिचय बलारा देश और वहां पर चल रही बुलडॉग नामक आदमखोर शैतान की शैतानियत से होता है। राजकुमारी अंगारा से सहायता मांगने अंगारा द्वीप आती है। वही दूसरे भाग बुलडॉग में अंगारा का सामना बुलडॉग से होता है जिसमें बुलडॉग विजय प्राप्त कर लेता है और अंगारा को मारने में सफल हो जाता है। इस कहानी का समापन अंक ग्रेट अंगारा एक विशेषांक है जिसमें कहानी आगे बढ़ती है। जहां पहला अंक काफी सरल बना है और दूसरे भाग के लिए उत्सुकता पैदा करता है, वही दूसरे अंक में अंगारा को मारने वाला Angle काफी कमजोर लगता है। कहानी प्रथम अंक से आगे बढ़ते बढ़ते कमजोर होती चली जाती है और तीसरे तथा आखिरी भाग में तो लेखक ने कहानी को रोमांचक बनाने के लिए सबसे सरल रास्ता चुना है, और वह है चार्ली की वापसी। जो लोग अंगारा की कहानी से अनजान हैं, उन्हें यह बता दूं कि चार्ली अंगारा की कॉमिक्स में वही स्थान रखता है, जो ग्रैंड मास्टर रोबो सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स में।
कुल मिलाकर कहानी पढ़ने योग्य है लेकिन कहानी के अंत में एक Sequence गले के नीचे नहीं उतरता है। कहानी में बुलडॉग एक ड्रैगन से घातक शक्तियां प्राप्त करता रहता है, जिनके आगे अंगारा की सभी शक्तियां बेकार साबित होती है और उस ड्रैगन को हमारे अंगारा श्री गोली मार के खत्म कर देते हैं। यही नहीं, यह कार्य मात्र 4 Pages और 12 Panels में खत्म हो जाता है, जिसे देखकर यही लगता है की बुलडॉग को घातक शक्तियां देते देते ड्रैगन महाशय खुद सूख चुके थे। या फिर लेखक महोदय का मन कहीं अन्यत्र जगह पर भटक कर पहुंच चुका था।
Art
अगर चित्रांकन की बात करें तो, हमेशा की तरह अंगारा की कॉमिक्स को जानदार बनाने का काम प्रदीप साठे जी की कला ने किया है। इस कॉमिक्स में भी कहानी से ज्यादा प्रदीप साठे जी का चित्रांकन कॉमिक्स को सहेजने योग्य बनाता है। यकीन मानिए कई चित्रकार तो इंसानी चेहरों पर भाव नहीं उकेर पाते हैं, और साठे जी ने तो जानवरों के चेहरों पर Emotions and Expressions की बेहतरीन Presentation की है।
Final Word
कुल मिलाकर अंगारा की प्रेम कथा एक सरल और मनोरंजक श्रृंखला है जिसमे मात्र लेखक ने अंत तक ले जाते हुए हास्यास्पद बना दिया है। फिर भी एक आम कॉमिक्स प्रेमी को यह Trilogy पसंद आएगी।
अंगारा का केवल नाम ही सुन है मैंने। अब शायद ही पढ़ना हो। वैसे किसी को अंगारा के किरदार को लेकर एक कॉमिक के बजाए एक नॉवेल लिखना चाहिए। वह पढ़ना रोचक रहेगा।