Hello Comic Nerds
राज कॉमिक्स ने पूर्व में भी कई ऐसे विशेष अंक निकाले हैं, जिनमें एक हास्य किरदार के साथ एक या अधिक सुपर हीरोज होते थे। गमराज, बांकेलाल और फाइटर टोड्स के कॉमिक्स में नागराज, ध्रुव, डोगा इत्यादि का आना जाना लगा रहता था। इन कॉमिक्स में एक खास बात यह होती थी की गंभीर किरदार भी हास्य किरदारों के रंग में रंग जाते थे। इसलिए गमराज की कॉमिक्स में डोगा को हंसते देखना बहुत अटपटा सा लगता था लेकिन साथ में मनोरंजन भी खूब होता था। ऐसे में जब राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता ने सुपर हीरो अश्वराज और बांकेलाल के नए 2 in 1 कॉमिक्स का ऐलान किया तो मैंने यही उम्मीद लगाईं कि इसमें भी अश्वराज, बांकेलाल की तरह ही ही ही ही और बहु हूं हूं हूं करता हुआ नजर आएगा। लेकिन कुछ नया करने की धुन के साथ इस बार राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता ने एक नया प्रयोग किया है।
तो आइए इस प्रयोग को जानने और समझने की कोशिश करते हुए करते हैं आबुरा का तिलिस्म का minute dissection.
आबुरा का तिलिस्म
Writer – अनुराग कुमार सिंह, सुशांत पंडा
Art – सुशांत पंडा
Inking – बसंत पंडा
Cover page – सुशांत पंडा, प्रदीप शेरावत
Editor – संजय गुप्ता
Publisher – Raj Comics by Sanjay Gupta
Story
जो बात इस कॉमिक्स को सबसे खास बनाती है वह यह है कि इस कॉमिक्स में बांकेलाल की मौजूदगी की वजह से अश्वराज को एक कॉमेडी कैरेक्टर में convert नहीं किया गया है। कहानी दो भागों में चलती है। जहां एक भाग में बांकेलाल अपने चिर परिचित हास्य व्यंग के साथ नजर आता है, वही दूसरे भाग में अश्वराज की कहानी एक typical superhero की कहानी जैसे action and adventure से भरी रहती है।
This combination of of a serious character and a comedy character without affecting the originality of either makes this comics a refreshing approach to storytelling.
कहानी की गति काफी तेज है जिसकी वजह से कहानी पाठक को बांधने में सफल होती है।
Art
कॉमिक्स का आर्ट काफी लुभावना है, विशेषकर अश्वकीर्ति का रूप कॉमिक्स पाठकों के नर्ड हृदय को तेज धड़काने की पूरी क्षमता रखता है। मुझे सुशांत पंडा द्वारा किया जाने वाला बांकेलाल के संसार का चित्रण काफी अलग लेकिन मनोरंजक लगता है। इस कॉमिक्स में भी सुशांत पंडा ने दोनों ही किरदारों के चित्रांकन में प्रभावित किया है। किंतु कॉमिक्स के दो पैनल्स में चित्रकार अश्वकीर्ति का चेहरा ही बनाना भूल गए हैं।
The fact that such a glaring error was not even spotted at the editors table, looks irresponsible.
कॉमिक्स के संपादक श्री संजय गुप्ता जी से इस प्रकार की त्रुटि की उम्मीद नहीं की जाती है। उम्मीद है कि वह अपने कार्य में सुधार करते हुए इस प्रकार की गलतियों का दोहराव नहीं होने देंगे।
Final Word
Overall this comics is quite entertaining, और उम्मीद है कि इसका अगला भाग जल्दी ही उपलब्ध कराया जाएगा। मैं विशेष उल्लेख करना चाहूंगा इस कॉमिक्स के कवर पेज का जो कॉमिक्स को एक प्रीमियम फील देता है।
Buy it if you love reading different kinds of comics.
Skip it if you are still fixated with reprint of balikuthar and doma.
Looks like a promising read… Will try to read this one.
I agree….isme bdhiya kiya ki Ashwaraj ko serious hero hi rakha….wrna Sanjeevni comics me Bankelal ke sath Bhokal ko bhi comedy bna diya tha….baki isme bhale hi Bankelal ka role km hai but comedy bdhiya hai… comparing it with other new issues of Bankelal from RCMG
Logo ki bhawanao pr Kutharaghat kar k bali le li aapne
पसंद करने हेतु धन्यवाद। इस अंक को लेकर हमारे मन मे घबराहट थी कि रीडर्स इस प्रयोग को स्वीकार कर पाएंगे कि नहीं।
Bhaiya…2 fram to ashwraj ki purani comics se copy kar liye or background chamge kar diya….is baare me aap nahi bole….pakshpaat na kare
Agar pura article padhne ke baad bhi aise comments karoge mitra toh ab kya hi bolu batao