फिर “आप” को किसने भ्रष्ट किया?

Everytime Arvind Kejriwal speaks, this poem plays in my mind. Dedicated to the the kejri cult. वे जो कहते थे व्यवस्था बदल देंगे,वे आज खुद बदले से नज़र आते है,कभी ढाते है जुल्म रंगभेद का,कभी धरने पे बैठ जाते है।वे…

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