Safe in a metal boxeyes ogling at its grace-beast unperturbed
Revisiting Classics – Shaktiputra and Adrushya Manav
कॉमिक्स मूलत: दो प्रकार की होती है। एक वह जो समय के साथ नीरस होती जाती है और दूसरी वह जो किसी भी कालखंड में पढ़ी जाए तो मनोरंजन से भरपूर लगती है। ऐसी ही कुछ कॉमिक्स की समीक्षा करने…
Aranyak Parv – Mind blown
एक कॉमिक्स समीक्षक होना जटिल कार्य होता है। आप किसी कॉमिक्स की बुराई करते हैं तो उसे पसंद करने वाले आपके विचारों पर उद्वेलित हो जाते हैं। आप किसी कॉमिक्स की तारीफ करते हैं तो उसे पसंद नहीं करने वाले…
Doga Diaries 5 – Shameless acts of business
This is not a dissection. इसे आप एक छोटा सा rant समझ सकते हैं। और इस गुस्से की वजह है डोगा डायरीज पांच के नाम से प्रकाशित कॉमिक्स डोगा मौजूद है। Art/Story इस कॉमिक्स में कुल 3 कहानियां है। सबसे…
Divyakavach 2 – An unexpected read
दिव्य कवच श्रृंखला का पहला भाग हर मामले में निराशाजनक था। चाहे वह कॉमिक्स में कहानी का लगभग ना हो ना हो या फिर विवेक गोयल का आलस्य से भरा चित्रांकन। इसी वजह से मुझे इसके दूसरे भाग से कोई…